आमजन इस भयंकर गर्मी में अपनी प्यास बुझाने व दैनिक कार्य पूरा करने के लिए पानी की तलाश में भटकता रहता है : विद्रोही गांवों में जोहड़, तालाब सूखे पडे है। उनमें नहर के माध्यम से भाजपा सरकार ने पानी भरने का किचिंत मात्र भी प्रयास नही किया : विद्रोही भयंकर गर्मी में न तो दिन में और न ही रात में पर्याप्त बिजली मिलती है। बिजली कटों की भरमार ने आमजन का दिन-रात का चैन छीन लिया है : विद्रोही 18 जून 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भंयकर गर्मी में भाजपा सरकार अहीरवाल की जनता को न तो पर्याप्त पीने का पानी दे पा रही है और न ही आमजन को भयंकर गर्मी से बचाने पर्याप्त बिजली आपूर्ति कर रही है। विद्रोही ने कहा कि इस समय अहीरवाल में दिन में गर्मी पारा लगभग 45 डिग्री व रात में 35 डिग्री के बीच झूल रहा है। गर्मी पारा दिन-रात 35-45 डिग्री के बीच झूलने से आमजन न तो दिन मेें चैन से अपनी दैनिक दिनचर्चा को निपटा सकता है और न रात को चैन से सो पा रहा है। ऊपर से हालत यह कि भाजपा सरकार का जनस्वास्थ्य विभाग इस भयंकर गर्मी में भी लोगों को न तो पर्याप्त पानी सप्लाई कर रहा है और न ही साफ पानी आ रहा है। रेवाडी शहर में तो पेयजल सप्लाई की राशनिंग हो रही है। यही हालत अहीरवाल क्षेत्र में अन्य भागों की है। विद्रोही ने कहा कि आमजन इस भयंकर गर्मी में अपनी प्यास बुझाने व दैनिक कार्य पूरा करने के लिए पानी की तलाश में भटकता रहता है। वहीं पशु-पक्षीे भी पीने के पानी के लिए तरस रहे है। गांवों में जोहड़, तालाब सूखे पडे है। उनमें नहर के माध्यम से भाजपा सरकार ने पानी भरने का किचिंत मात्र भी प्रयास नही किया। यहीं हालत बिजली की है। इस भयंकर गर्मी में न तो दिन में और न ही रात में पर्याप्त बिजली मिलती है। बिजली कटों की भरमार ने आमजन का दिन-रात का चैन छीन लिया है। आमजन बिजली कमी से न तो दिन में चैन से जी पाते है और न ही रात को सो पाते है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पर्याप्त पीने के पानी व बिजली सप्लाई करने के लम्बे-चौडे दमगज्जे तो मारती है, लेकिन जमीनी धरातल की वास्तविकता यह है कि न तो अहीरवाल की जनता को पीने का पानी मिल रहा है और न ही पर्याप्त बिजली मिल रही है। भाजपा सरकार इस भयंकर गर्मी में लोगों को पानी व बिजली पर्याप्त मात्रा में देने में अक्षम साबित हो रही है। Post navigation राजनीति का कटु सत्य, चुनाव लडने का इच्छुक हर नेता अपने को ही सबसे मजबूत उम्मीदवार समझता है : विद्रोही मोदी जी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते ही किसानों के साथ धोखाधडी करके उन्हे मूर्ख बनाया है : विद्रोही