कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दिए गए थे गरीबों को 100 गज के आवासीय प्लाट

डबल इंजन सरकार ने 10 वर्ष तक गरीबों को बेघर रहने को किया मजबूर

गुरुग्राम और मानेसर निगम में एससी वार्ड की संख्या वार्ड के अनुसार बढ़ाई जाए

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पटौदी हल्के में दूसरे कार्यकाल में जो 100 – 100 गज के प्लॉट दिये थे । उन ग़रीब, वंचित परिवारों को डबल इंजन भाजपा सरकार ने 10 सालों तक बेघर रहने को मजबूर किया । 2005  के पहले कार्यकाल में जो 100 – 100 गज के प्लॉट ग़रीब परिवारों को आवंटित हुए थे, आपके मार्गदर्शन में, आपके पुराने सहयोगी एवं  स्वर्गीय भूपेन्द्र चौधरी  ने उस काम को ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक पूरा करवाया  । यह बात वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री एवं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट श्रीमती पर्ल चौधरी ने कही ।

उन्होंने कहा अब जब  लोकसभा चुनावों के दौरान, केंद्र में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, जननायक राहुल गांधी  एवं प्रदेश में अथक प्रयास एवं लीडरशिप में बीजेपी के सांसदों की संख्या आधी हुई है । तब जा के इस जनविरोधी भाजपा सरकार की कुम्भकरण नींद खुली है ।

इसी कड़ी में श्रीमती पर्ल चौधरी ने कहा मुख्यमंत्री नायब सैनी को आगाह करूँगी कि  जल्द से जल्द गुड़गाँव नगर निगम में दलित समाज के पार्षदों की हिस्सेदारी पे डाका डालने का जो प्रयास पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर   सरकार ने किया था, उसमें वापिस सुधार लायें । साल 2017 में 35 पार्षदों वाली  नगर निगम गुरुग्राम के चुनाव में SC समाज की 6 सीटें आरक्षित थी । अब जहां पार्षदों की संख्या बढ़ा कर 36 कर दी गई हैं , वहीं दलित समाज के लोगों के हिस्सेदारी को PPP के मायाजाल के तहत घटाकर 20% से 8.33% ( 3 पार्षद) करने का दुष्प्रयास किया गया  ।

दलित समाज समाज  बीजेपी सरकार की इन कारस्तानियों पे बारीकी से नज़र बनाये हुए है। इसी कड़ी में उन्होंने याद दिलाया इसी वर्ष 5 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने भी खुले तौर पे अपने सरकार की गलती को स्वीकारते हुए दलित समाज के भागीदारी को फिर से बहाल करने की बात, तत्कालीन मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखी थी। खट्टर साहेब तो 67 दिन बाद त्यागपत्र देने के पहले तक सिर्फ़ संज्ञान ही लेते रह गये और हरियाणा में सत्ता के प्रमुख ही बदल गए हैं ।  लोकसभा चुनावों का आदर्श आचार संहिता का समय भी पूर्ण हो चुका है । अब इसी हफ़्ते आप  एवं  सहित प्रदेश के बाक़ी उन सभी नगर निगमों में भी संविधान सम्मत दलित हिस्सेदारी बहाल करें। जहां परिवार पहचान पत्र  (पी पी पी) की ओट में दलित भागीदारी को घटाया गया था । गुरुग्राम सहित हरियाणा के निगमों के माध्यम से, दलित आरक्षण को कम करने का भारतीय जनता पार्टी का का “प्रयोग” कभी सफल नहीं होगा । बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों के अनुयायी संविधान की रक्षा के लिए, हर पल सजग हैं 

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