वर्ष 1950 में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गये  नियमों के अनुसार  है आवश्यक, वि.स. सीट नहीं छोड़ने पर अम्बाला लो.स. सीट हो जायेगी रिक्त  — एडवोकेट हेमंत कुमार 

अंबाला –  गत सप्ताह 4  जून को अम्बाला  (अनुसूचित जाति – एससी आरक्षित) लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी वरुण चौधरी (मुलाना) को आगामी 20 जून से पहले अम्बाला ज़िले के मुलाना विधानसभा हलके के विधायक पद से त्यागपत्र देना होगा.

शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा  हाईकोर्ट में एडवोकेट और चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार  ने इस बारे में जानकारी देते हुए   बताया कि चूंकि मौजूदा 14वीं  हरियाणा विधानसभा का सदस्य अर्थात  विधायक रहते हुए  वरूण ने अम्बाला  लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा जिसमें जीतकर वह अम्बाला लोकसभा सीट से  सांसद निर्वाचित‌ हुए हैं, इसलिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 101 के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति अर्थात   केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए समसामयिक  सदस्यता प्रतिषेध नियम, 1950 के अंतर्गत वरूण को उनकी लोकसभा सांसद के तौर पर निर्वाचन‌ नोटिफिकेशन प्रकाशित होने  के 14 दिनों के  भीतर अर्थात आगामी 20 जून से पहले पहले  हरियाणा विधानसभा की सदस्यता अर्थात मुलाना  विधायक पद से त्यागपत्र देना होगा. अगर वह ऐसा नहीं करते, तो इससे उपरोक्त नियमों के अंतर्गत  अम्बाला लोकसभा सीट रिक्त हो जायेगी.

हेमंत ने आगे बताया कि अक्टूबर, 2019 से अम्बाला ज़िले के  मुलाना  विधानसभा हलके से कांग्रेस पार्टी के विधायक वरुण  वर्तमान 14 वीं हरियाणा‌ विधानसभा की सबसे महत्वपूर्ण समिति अर्थात  पब्लिक अकाऊंट कमेटी – पीएससी‌ ( लोक लेखा समिति) के चेयरमैन भी है. वरुण के  विधायक पद से  त्यागपत्र देने के उपरान्त  विधानसभा स्पीकर द्वारा उक्त लोक लेखा समिति के नए चेयरमैन के तौर पर किसी और मौजूदा  विधायक को  मनोनीत/नामित किया जाएगा. बहरहाल,  चूंकि  हरियाणा विधानसभा के अगले आम चुनाव इसी वर्ष अक्तूबर, 2024 में निर्धारित हैं, इसलिए वरुण के विधायक पद से त्यागपत्र देने से  रिक्त होने वाली  मुलाना विधानसभा सीट पर उपचुनाव  नहीं होगा.

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