*आमजन की समस्याओं को दिल्ली हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री द्वारा सुना जाना, क्या हास्यास्पद नहीं ? माईकल सैनी (आप)

*आम आदमी पार्टी का इतना भय हो गया कि आम आदमी की बात करने लगे सीएम नायब सैनी ? माईकल सैनी (आप)

गुरुग्राम 9 जून 2024 दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में आमजन की समस्याएँ सुन रहे मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि समस्याओं के समाधान हेतु सरकार ततपरता से कार्य कर रही है तथा अधिकारियों को उनके संज्ञान में आने पर समाधान करने बाबत निर्देश जारी किए जा चुके हैं एवं प्रत्येक जिला व मंडल स्तर पर प्रत्येक कार्य दिवस 9 से 11 बजे तक समाधान शिविर लगाए जाएंगे जहां प्रत्येक विभाग के महत्वपूर्ण अधिकारियों की मौजूदगी रहेगी जो संबंधित शिकायतों का निवारण करने का प्रयास करेंगें गर उनके कार्यक्षेत्र से बाहर हुआ तो सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनता की दिक्कतों को दूर करने का प्रयास करेगी, जो अच्छी पहल हो सकती है मगर खास लोगों की पार्टी बनकर रह गई भाजपा के मुख्यमंत्री नायब सैनी बताए कि हरियाणा भवन वो भी दिल्ली में जो है वह किसी गाँव की चौपाल, कॉलोनी के सामुहिक भवन अथवा किसी बस्ती की सभा तो है नहीं जो आम आदमी आपसे मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान करा सके चूँकि पूर्व मुख्यमंत्री के समय तो आमजन को सभाओं से उठवाकर बाहर फेंकने का इतिहास रहा है फिर यह अचानक हृदय परिवर्तन क्यों और क्या आम आदमी पार्टी की नीतियों एवं उसके बढ़ते कुनबे का ही भय तो नहीं के भाजपा भी आमजन की सुध लेने लगी ?

माईकल सैनी आम आदमी पार्टी नेता ने कहा कि चंडीगढ़ मुख्य सचिव कार्यालय में समाधान प्रकोष्ठ बना जिला व मंडल स्तर पर प्रत्येक कार्य दिवस में आम जनता की समस्याओं के निवारण बारे जानकारियां लेने की जो बातें सरकार द्वारा कही गई हैं उनमें कितनी सफल वह हो पाती है यह तो समय पर ही छोड़ देना उचित रहेगा परन्तु यह सब बातें आमजन में विश्वास पैदा क्यों नहीं कर पा रही हैं यह विषय जरूर आत्मचिंतन का होना चाहिए भाजपा सरकार के लिए ।

उन्होंने कहा कि फैमिली आईडी और प्रोपर्टी आईडी जो आमजन की परेशानी का सबब बनी हुई है उनके समाधान को जिला स्तर पर ही निपटान करने के जो आदेश जारी किए हैं अर्थात इस सुधारीकरण योजना की आड़ में जैसे सरकार अपनी छवि सुधारना चाहती है वैसे ही इसका नाजायज लाभ उठाने वाले कुछ दलाल प्रवर्ति के लोग अपनी जेबें गरम नहीं करेंगे इसकी क्या गारंटी देती है नायब सरकार , यदि वह इसे नहीं रोक पायी तो क्यों न इसे भी जुमला करार दे दिया जाए और कहा जाए कि खास लोगों की पार्टी विशेष लोगों से मुलाकात करती है और प्रचार आमजन से मिलने का कर रही है ?