राव इंद्रजीत के लिए सबसे सुरक्षित और मजबूत राजनीतिक गढ़

2019 में 94000 वोट से जीते 2024 में आंकड़ा 43000 पर अटका

कांग्रेस को 2019 में मिले 26 000 वोट और इस बार 58 000 वोट

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ ही विजेता उम्मीदवारों को चुनाव अधिकारी के द्वारा प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करवा दिए गए। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण गुणा – भाग, हार और जीत का आरंभ हो गया है। मुख्य मुकाबले में शामिल उम्मीदवारों को किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने वोट मिले ? इस बात को लेकर भी आम लोगों सहित समझ सको और कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा होने के साथ-साथ जिज्ञासा भी बनी रहती है ।

पटौदी विधानसभा क्षेत्र में इस बार लोकसभा चुनाव के लिए लोगों के द्वारा किया गया मतदान और यहां पर भाजपा सहित कांग्रेस को मिले वोट की संख्या निश्चित रूप से विशेष तौर पर राव इंद्रजीत के लिए चिंतन और मंथन का विषय भी हो सकता है। गौरतलब है कि पटौदी विधानसभा क्षेत्र रामपुरा हाउस या फिर राव परिवार के लिए सबसे मजबूत और सुरक्षित राजनीतिक गढ़ के रूप में पहचान बनाए हुए हैं। इसका मुख्य कारण है अहीर बहुल आबादी का पटौदी क्षेत्र में होना और राव इंद्रजीत सिंह के पिता स्वर्गीय राव वीरेंद्र सिंह का 1967 में पटौदी से चुनाव लड़कर जीतने के साथ ही हरियाणा का मुख्यमंत्री बनना । इसके बाद से पटौदी विधानसभा क्षेत्र राव परिवार सीधे और सरल शब्दों में राव इंद्रजीत सिंह के लिए सबसे मजबूत और सुरक्षित राजनीतिक गढ़ की पहचान बनाए हुए हैं। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा का चुनाव हो स्वयं राव इंद्रजीत या फिर उनके समर्थक उम्मीदवार को ही पटौदी क्षेत्र में सबसे अधिक वोट मिलते आ रहे हैं । कुछ अपवाद छोड़ दिए जाएं तो यह सिलसिला बना हुआ है।

वर्ष 2024 में आखिर ऐसा क्या कारण रहा, सबसे मजबूत और सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र पटौदी में ही भाजपा अथवा राव इंद्रजीत सिंह को 2019 के मुकाबले कम संख्या में वोट प्राप्त हुए ?  इतना ही नहीं इससे अधिक हैरानी करने वाली बात यह है कि वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए पटौदी विधानसभा क्षेत्र में जीत का मार्जिन भी कम रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी पॉलीटिकल पार्टी होने की दावेदार भारतीय जनता पार्टी के यहां पर मानेसर, पटौदी, हेली मंडी और जाटोली मंडल अध्यक्ष,  बूथ स्तर के पदाधिकारी, पन्ना प्रमुख जैसे ओहदेदार या फिर पदाधिकारी की फौज मौजूद है । इसके अलावा राव इंद्रजीत सिंह का व्यक्तिगत कार्यकर्ता और समर्थकों की भी कमी नहीं है । फिर ऐसा क्या कारण रहा वर्ष 2019 के मुकाबले पटौदी में 2024 में राव इंद्रजीत को वोट भी कम मिले और जीत का मार्जिन भी कम ही रह गया ?

वर्ष 2019 में राव इंद्रजीत सिंह के मुकाबले कैप्टन अजय यादव चुनाव मैदान में थे । पटौदी में राव इंद्रजीत सिंह को 120000 से अधिक वोट प्राप्त हुए। कैप्टन अजय यादव को करीब 26000 वोट ही मिले । इस प्रकार राव इंद्रजीत की जीत का मार्जिन 94000 से अधिक वोट का रहा । लेकिन इसके विपरीत वर्ष 2024 में राव इंद्रजीत सिंह को उनके ही सबसे मजबूत और सुरक्षित राजनीतिक गढ़ पटौदी विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख  1187 लोगों का ही समर्थन प्राप्त हो सका । राव इंद्रजीत सिंह के मुकाबले नया चेहरा और बाहरी उम्मीदवार कहे जाने वाले कांग्रेस के राज बब्बर ने 58000 के करीब वोट बटोर लिए और राव इंद्रजीत सिंह की जीत का मार्जिन घटकर वर्ष 2024 में 43000 के करीब कर दिया । कुछ ही महीने बाद विधानसभा के चुनाव भी प्रस्तावित है । इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए निश्चित रूप से चिंतन और मंथन का विषय है। आखिर कांग्रेस को 2019 के मुकाबले दो गुना से अधिक वोट और जीत का मार्जिन आधे से भी काम रह जाना इसके पीछे कौन और क्या कारण हो सकते हैं।

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