जनता ने वोट की चोट से मोदी-भाजपा के संविधान में मनमाने संशोधन करके संघी फासिस्ट विचारधारा देश पर थोपने के मंसूबों पर पानी फेर दिया जो लोकतंत्र व संविधान में आस्था रखने वाले हर भारतवासी के लिए संतोष की बात है : विद्रोही कमजोर प्रबंधन, निजी अहंकार की लड़ाई में कांग्रेस ने 2-3 सीटों पर संभावित जीत को हार में बदल दिया जिससे बचा जा सकता था : विद्रोही 5 जून 2024 – लोकसभा चुनाव परिणामों पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि जनता ने वोट की चोट से मोदी-भाजपा के संविधान में मनमाने संशोधन करके संघी फासिस्ट विचारधारा देश पर थोपने के मंसूबों पर पानी फेर दिया जो लोकतंत्र व संविधान में आस्था रखने वाले हर भारतवासी के लिए संतोष की बात है। विद्रोही ने कहा कि बेशक मोदी जी अपने सहयोगी दलों के बल पर सत्ता पाने में कामयाब हो गए, लेकिन लाख दावों के बाद भी मोदी जी भाजपा को बहुमत दिलवाने में सफल नही हो सके। मोदी जी बेशक कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री बनकर सरकार चला ले लेकिन न तो निरूंकुशता के आधार पर सरकार चला सकेंगे और न ही मनमाने ढंग से संघी हिन्दुत्व की विचाधारा को लोगों पर थोप सकेंगे। इन चुनावों में कांग्रेस इंडिया गठबंधन 234 लोकसभा सीटे जीतकर मजबूत विपक्ष के रूप में उभरे है। वहीं कांग्रेस को अकेले 99 लोकसभा सीटे मिली है जो बताता है कि कंाग्रेस मुक्त भारत बनाने के मोदी-भाजपा के मुंगेरीलाल के हसीन सपने को मतदाता ने सदैव के लिए दफन कर दिया। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा की जनता ने कांग्रेस व भाजपा दोनो दलों को पांच-पांच सीटे दी है, जो बताता है कि आने वाले अक्टूबर 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-भाजपा के बीच कडी टक्कर होने वाली है। हरियाणा में कांग्रेस को 43.67 प्रतिशत मत मिले, वहीं कांग्रेस के गठबंधन सहयोगी दल आप को 3.94 प्रतिशत मत मिले। इस तरह हरियाणा में कांग्रेस-इंडिया गठबंधन ने 46 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त के साथ 47.61 प्रतिशत मत प्राप्त किये। भाजपा को 44 विधानसभा क्षेत्रों में बढत के साथ 46.11 प्रतिशत मत मिले। हरियाणा में कांग्रेस को मजबूती देकर जनता ने बदलाव का संकेत दिया है। यदि हरियाणा कांग्रेस के नेता अपने व्यक्तिगत अहंकार, निजी पद लालसा, निजी पंसद-नापंसद को दरकिनार करके विधानसभा चुनाव मिलकर लडेंगे तो हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बननी तय है। वहीं यदि कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव जैसा रवैया अपनााये रहते है तो मेरी चेतावनी याद रखे कि वे जीती बाजी हार सकते है। विद्रोही ने कहा कि लोकसभा चुनावों में मैंने इशारों व सोशल मीडिया पोस्टों के माध्यम से कांग्रेसियों को आगाह किया कि था वे अपना रवैया बदले तो 7-8 सीटे जीत सकते है। चुनाव परिणाम व विभिन्न क्षेत्रों में कांग्रेस को मिले मतों का आंकलन करने के बाद मेरा स्पष्ट मानना है कि कमजोर प्रबंधन, निजी अहंकार की लड़ाई में कांग्रेस ने 2-3 सीटों पर संभावित जीत को हार में बदल दिया जिससे बचा जा सकता था। कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक मंचों पर अहंकार का प्रदर्शन करके भिवानी-महेन्द्रगढ़ सीट को अपने हाथों से खोया है। विद्रोही ने कहा कि यदि 22 मार्च को राहुल गांधी की सभा में भिवानी-महेन्द्रगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार व एक वरिष्ठ नेत्री का राहुल गांधी के अगल-बगल में बैठकर बहस का वीडियो वायरल नही होता तो शायद कांग्रेस यह सीट नही हारती। अब देखना यह है कि लोकसभा चुनावों से सबक लेकर हरियाणा कांग्रेस नेता सुधरते है या अपना अहंकारी रवैया बरकरार रखकर विधानसभा चुनाव में दिख रही साफ जीत को फीका करने का काम करेंगे। Post navigation भाजपा को पारदर्शिता से मतगणना करवाने में इतनी आपत्ति क्यों : विद्रोही दिल्ली में भाजपा ने लगातार तीसरी बार जीती सातों सीटें