भाजपा कांग्रेस-इंडिया गठबंधन की पारदर्शिता की मांग के खिलाफ शिकायत लेकर चुनाव आयोग के पास जा पहुंची : विद्रोही

इंडिया गठबंधन की इस मांग पर कि ईवीएम मतगणना शुरू करने से पहलेे चुनाव आयोग के संवैद्यानिक नियमों अनुसार पहले बैलेट पेपर की मतगणना हो,

इस पर भाजपा की आपत्ति बताती है कि कम अंतर से जीत-हार वाली सीटों परे सत्ता बल पर चुनाव आयोग से मिलकर धांधली करवाके हारने वाली सीटों को भाजपा जीतने की फिराक में है?  विद्रोही

3 जून 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में कथित 400 सीटे पार करने का दमगज्जा लगाने वाली भाजपा ही चुनाव मतगणना में पारदर्शिता, नियमों की परिपालना की इंडिया गठबंधन की मांग का विरोध करके खुद ही साबित कर रही है कि भाजपा चुनाव आयोग से मिलीभगत करके मतगणना में भी धांधली करने का जुगाड़ कर रही है। विद्रोही ने सवाल किया कि जनादेश, लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल, नेता यदि पारदर्शिता व नियमों की पालना का विरोध करता है तो क्या संदेश देता है, यह बताना भी बेमानी है। भाजपा को पारदर्शिता से मतगणना करवाने में इतनी आपत्ति क्यों है कि वह कांग्रेस-इंडिया गठबंधन की पारदर्शिता की मांग के खिलाफ शिकायत लेकर चुनाव आयोग के पास जा पहुंची। इंडिया गठबंधन की इस मांग पर कि ईवीएम मतगणना शुरू करने से पहलेे चुनाव आयोग के संवैद्यानिक नियमों अनुसार पहले बैलेट पेपर की मतगणना हो, इस पर भाजपा की आपत्ति बताती है कि कम अंतर से जीत-हार वाली सीटों परे सत्ता बल पर चुनाव आयोग से मिलकर धांधली करवाके हारने वाली सीटों को भाजपा जीतने की फिराक में है? 

विद्रोही ने सवाल किया कि क्या कोई भी लोकतंत्र पारदर्शिता, निष्पक्षता, स्वतंत्रता से मतगणना हो, इसमें विश्वास करने वाला व्यक्ति इस बात का विरोध कर सकता है कि ईवीएम मतगणना शुरू होने से पहले बैलेट पेपर की मतगणना हो। भाजपा का विरोध चीख-चीखकर बता हा है कि उसकी नियत में खोट है। वहीं चुनाव आयोग का बदले जाने वाले नियमों को बदलकर बैलेट पेपर मतगणना कब हो, यह निर्वाचन अधिकारी पर छोडना बताता है कि स्वयं चुनाव आयोग संसद द्वारा पारित कानून की परिपालना न करके जनता, संविधान, लोकतंत्र के साथ धोखाधडी कर रहा है। विद्रोही ने भाजपा व चुनाव आयोग को आगाह किया कि यदि उन्होंने मतगणना में सत्ता बल पर संवैद्यानिक अधिकारों के नाम पर धांधली करने का कुप्रसास किया तो आमजनों में ऐसा जनाक्रोश व विरोध फैलेगा जो न तो भाजपा सरकार और न ही चुनाव आयोग से संभले संभल पायेगा। यदि उन्होंने धांधली की तो इसके इतने भयंकर दुष्परिणाम निकलेंगे कि भारत को बनाना रिपब्लिक बनाने के कुप्रयासों के खिलाफ लोकतंत्र प्रेमी जनता विद्रोह तक कर सकती है। 

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