-चुनाव प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है मतों की गिनती करवाना -इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही ना हो, गर्व के साथ करें अपनी ड्यूटी -अपेरल हाऊस में कर्मचारियों को दिया गया मतगणना का प्रशिक्षण गुरूग्राम, 31 मई। चुनाव प्रक्रिया में मतगणना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इसलिए काउटिंग स्टाफ में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, वे अपना कार्य भारत निर्वाचन आयोग की मार्गदर्शिका के अनुसार पूरी तल्लीनता के साथ करें। एक भी बूथ पर काउटिंग गलत नहीं होनी चाहिए। स्थानीय अपेरल हाऊस में आज मतगणना प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए गुडग़ांव लोकसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी व डीसी निशांत कुमार यादव ने ये विचार प्रकट किए। उन्होंने मतगणना में नियुक्त कर्मचारियों की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि चार जून को सही ढंग से मतों की गिनती करवा कर कर्मचारी आम लोकसभा चुनाव-2024 में महत्वपूर्ण योगदान दें। यह कार्य काफी संवेनदनशील होता है, इसलिए अपनी ड्यूटी को पूरी गंभीरता के साथ निभाएं। डीसी ने बताया कि तीन जून को सुबह दस बजे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में एक बार फिर से काउटिंग स्टाफ को बुलाया जाएगा। रैंडेमाइजेशन के द्वारा कर्मचारियों को बताया जाएगा कि उनकी ड्यूटी किस सैंटर में लगी है। यहां उन्हें मतगणना का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनके आई कार्ड बांटे जाएंगे। सभी कर्मचारी अपना आई कार्ड अवश्य लेकर जाएं। किसी कर्मचारी को वाहन लेकर आना है तो वह गाड़ी का पास भी बनवा ले। चार जून को केवल मतगणना स्टाफ के वाहनों को ही अंदर प्रवेश की अनुमति होगी। निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चार जून को सुबह पांच बजे जनरल ऑब्जर्वर के सामने चारों विधानसभा क्षेत्र के मतगणना कर्मचारियों को रैंडेमाइजेशन प्रक्रिया द्वारा टेबल आवंटित की जाएगी। जिस कर्मचारी को जो टेबल दी जाए, वह वहीं पर बैठेगा। टेबल पर उन बूथों की लिस्ट लगी होगी, जिनकी गिनती वहां पर करवाई जानी है। बूथ के अनुसार ही टेबल पर रिजल्ट निकालने के लिए स्ट्रांग रूम से ईवीएम की कंट्रोल यूनिट भिजवाई जाएगी। काउंटिंग स्टाफ मशीन को खोलने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि यह मशीन उन्हीं की टेबल की है। काउटिंग के बाद मशीन को वापस सील लगाकर स्ट्रांग रूम में रखवा दिया जाएगा। इस कार्य के लिए अलग से स्टाफ लगाया गया है। डीसी ने कहा कि मशीन में जितने वोट डिस्पले हुए हैं, उनका फार्म 17 सी में दी गई वोट संख्या से मिलान अवश्य कर लें। कंट्रोल यूनिट मशीन के डिस्पले को काउटिंग एजेंटों के सामने कर अच्छी तरह से दिखाया जाए। इस कार्य में पारदर्शिता और निष्पक्षता का पूरा ध्यान रखें। काउटिंग सैंटर के अंदर कोई कर्मचारी मोबाइल फोन, स्मार्ट वाच, कैलकुलेटर आदि इलेक्ट्रोनिक सामान लेकर नहीं जाएगा। उनकी गाडिय़ों की चाबी को बाहर बैगेज काऊंटर पर जमा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मतगणना का कार्य पूरा होने के बाद किन्हीं भी पांच बूथों के वीवीपैट लाकर उनसे निकाली गई स्लिप की गणना प्रत्याशी के नाम अनुसार करवाई जाएगी, जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि जो परिणाम मशीन में आया है, वही वीवीपैट का भी है। वीवीपैट की स्लिप रखने के लिए टेबल पर प्लास्टिक का एक बॉक्स दिया जाएगा, जिसके खानों में प्रत्याशियों के नाम लिखे होंगे। वीवीपैट की स्लिप को उम्मीदवार के नाम अनुसार ही उनके खानों में रखना है। मास्टर ट्रेनर व गुरूग्राम के एसडीएम रविंद्र कुमार ने कर्मचारियों को बताया कि बादशाहपुर व गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र के दो-दो काउटिंग सैंटर पार्ट-वन और पार्ट-टू के नाम से बनाए जाएंगे। पोस्टल बैलेट पेपर व ईपीटीबीएस का काउटिंग सैंटर कामर्स ब्लाक के हॉल में बनाया जाएगा। इस प्रकार से कुल सात काउटिंग सैंटर मतगणना के लिए बनाए जाएंगे। पोस्टल बैलेट को छोडक़र हर काउटिंग सैंटर में 14-14 टेबल लगी होंगी। मतगणना का कार्य सुबह आठ बजे विधिवत रूप से शुरू हो जाएगा। इसलिए सभी कर्मचारी सुबह सात बजे तक अपनी टेबल पर बैठ जाएं। हर एक टेबल पर एक माइक्रो ऑब्जर्वर, एक काउटिंग सुपरवाइजर व एक काउटिंग असिस्टेंट की ड्यूटी होगी। माइक्रो ऑब्जर्वर अपनी रिजल्ट शीट जनरल ऑब्जर्वर को देंगे, जब कि काउटिंग सुपरवाइजर अपना रिजल्ट एआरओ टेबल पर भिजवाएंगे। यह सुनिश्चित कर लें कि दोनों रिजल्ट शीट में कोई अंतर ना हो। काउटिंग सुपरवाइजर उम्मीदवारों के नाम अनुसार मतों की संख्या को फार्म 17 सी में भरेंगे और इसकी एक कॉपी पर काउटिंग एजेंटों के साइन करवाए जाएंगे। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में एडीसी हितेश कुमार मीणा, एसीयूटी अनिरूद्घ यादव, सोहना के एसडीएम सोनू भट्ट, मानेसर के एसडीएम दर्शन यादव, पटौदी के एसडीएम होशियार सिंह, चुनाव तहसीलदार राजेंद्र सिंह, संतलाल, अनुदेशक जसमेर सिंह इत्यादि मौजूद रहे। Post navigation भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों का पालन करना एजेंट्स के लिए अनिवार्य : डीसी बेदाग सेवानिवृत्ति होना अधिकारी-कर्मचारी के लिए सुखद क्षण : निदेशक प्रो. कृशानु राय