हार की बौखलाहट में अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं बीजेपी नेता- हुड्डा

बीजेपी के पास नहीं है बहुमत, प्रदेश सरकार को तुरंत देना चाहिए इस्तीफा- हुड्डा

हरियाणा के हक का पानी लेने में पूरी तरह नाकाम बीजेपी सरकार- हुड्डा

रोहतक, 31 मई: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि लोकसभा चुनाव में हरियाणा से बीजेपी का सुपड़ा साफ हो सकता है। क्योंकि चुनाव में जनता का रुझान पूरी तरह कांग्रेस के पक्ष में नजर आया और अब बीजेपी के नेता भी हार के बहाने ढूंढने लगे हैं। भाजपा नेताओं द्वारा लगाए जा रहे बोगस वोटिंग के आरोप चुनाव में उनकी हार की स्वीकृति है। हार की बौखलाहट में ही बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री अधिकारी और कर्मचारियों को धमकी दे रहे हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने शांतिपूर्ण मतदान के लिए हरियाणा की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में वोटिंग के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई। बावजूद इसके भाजपा नेता अब बोगस वोटिंग के बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। जबकि हर पोलिंग बूथ में बीजेपी के एजेंट मौजूद थे। मौके पर किसी भी एजेंट ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की। लेकिन जब बीजेपी को हार सामने दिखने लगी तो उसके नेता ऐसी बयानबाजी करने लगे।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरे देश की जनता बीजेपी की वादाखिलाफी से खासी नाराज थी। इसलिए इस बार चुनावी नतीजे ऐसे लग रहे हैं, “बीजेपी साउथ में साफ, नॉर्थ में हाफ, बीजेपी का गिरा ग्राफ। लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा की जनता विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को करारा सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। हरियाणा की जनता को यह मौका जल्द ही मिलना चाहिए, क्योंकि प्रदेश में अल्पमत की सरकार चल रही है। जिस पार्टी के पास बहुमत न हो, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस ने राज्यपाल से भी इस बारे में मांग की है। पार्टी ने प्रस्ताव दिया है कि राज्यपाल सरकार को भंग करके, जल्द प्रदेश में विधानसभा चुनाव की व्यवस्था करें।

दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच पानी को लेकर हो रही बयानबाजी पर भी हुड्डा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा में भी आज पानी और बिजली की जबरदस्त किल्लत है। रोहतक में तो लंबे समय से लोग इसका सामना कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी सरकार हरियाणा के हक का पानी लेने में नाकाम साबित हुई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा SYL पर फैसला हरियाणा के हक में दिए जाने के बावजूद, अब तक बीजेपी की प्रदेश और केंद्र सरकार ने इस दिशा में कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया। SYL का पानी लाना तो बहुत दूर, भाखड़ा मैनेजमेंट बोर्ड में भी इस सरकार ने हरियाणा की भागीदारी को कमजोर कर दिया है।

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