लोकसभा आम चुनाव 2024 – सातवां-चरण …….. NDA को फिर झटका

सर्वदमन सांगवान

नईदिल्ली – लोकसभा का 7वां और अंतिम चरण समापन के करीब पहुंच गया है । इस चरण में 1 जून को 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की कुल 57 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा । इसके साथ ही मतदान की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और अब 4 जून को मतगणना होने के साथ ही चिर-प्रतिक्षित नतीजे आने लगेंगे ।

इस चरण में जिन 57 सीटों पर मतदान होने जा रहा है , 2019 में उनमें से 25 सीटें बीजेपी ने , नौ सीटें बंगाल की टीएमसी ने , 8 सीटें कांग्रेस ने , चार सीटे ओडीसा की बीजेडी ने , तीन सीटें बिहार की जेडीयू ने , दो सीटें उत्तर प्रदेश की बीएसपी ने , 2 सीटें अपना दल ने , 2 सीटें पंजाब के अकाली दल ने और 2 सीटें झारखंड के झारखंड मुक्ति मोर्चा ने और एक सीट पंजाब की आम आदमी पार्टी ने जीती थी ।

अब की बार बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के लिए अपनी ये सीटें बरकार रखने के साथ-साथ अपना स्कोर बढ़ाने की भी बड़ी चुनौती होगी , परंतु इस बार बीजेपी और उसके साथी कम से कम दस सीटे गंवाते दिख रहे हैं । यहां राज्यवार सीटों का आंकलन करेंंगे कि कौन दल या गठबंधन फिलहाल कितने पानी में हैं ?

उत्तरप्रदेश (13 सीट)

पिछली बार बीजेपी ने 13 में से 9 सीटें जीती थीं , जबकि दो सीटें उसके सहयोगी ‘अपना दल’ ने जीती थीं । कांग्रेस और सपा का तब खाता भी नहीं खुला था । हालांकि बसपा ने दो सीटें जीत कर विपक्ष की इज्जत रख ली थी । इस बार यहां इंडिया गठबंधन 6 से 7 सीटें जीतता हुआ लग रहा है यानि एनडीए को कड़ी टक्कर दे रहा है ।

बनारस : इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र सर्वाधिक चर्चा में है । हालांकि इस बार भी मोदी की स्थिति काफी मजबूत दिखाई देती है , लेकिन अब की बार जीत का मार्जिन पिछली बार से बहुत कम होगा । इंडिया गठबंधन की तरफ से मैदान में उतरे अजय रॉय (कांग्रेस) पिछली बार के मुकाबले काफी बड़ी संख्या में वोट लेंगे और मोदी के सिपहसालारों को आराम से तो जीतने नहीं देंगे ।

देवरिया : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मजबूती से चुनाव लड़े हैं और बीजेपी के शशांकमणि त्रिपाठी पर भारी पड़ रहे हैं । यहां मुकाबला इतना कांटे का है कि परिणाम किसी के भी पक्ष में जा सकता है ।

गोरखपुर : इस सीट पर बीजेपी के दो बार के सांसद और फिल्म अभिनेता रवि किशन को इस बार सपा की तेजतर्रार नेत्री काजल निषाद से बेहद कड़ी चुनौती मिल रही है । काजल निषाद ने रवि किशन को इस बार दिन में ही तारे दिखा रखे हैं । हार जीत किसी की भी हो सकती है ।

मिर्जापुर : अपना दल की सांसद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जातीय समीकरणों की गुगली में बुरी तरह फंस गई हैं । सपा ने कुर्मी नेता रमेश बिंद को उतार कर अनुप्रिया पटेल की मजबूत घेराबंदी की है । मुस्लिम व यादव वोटों के साथ बड़ी संख्या में दलित वोटों के एकमुस्त बिंद की तरफ जाने से अनुप्रिया पटेल पर हार का खतरा मंडरा रहा है ।

घोसी : यह सीट भी एनडीए से सपा छीन कर ले जाती दिख रही है । यहां एनडीए के घटक सुभास्पा के अरविंद राजभर जोकि यूपी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे हैं , भारी विरोध का सामना कर रहे हैं । यहां सपा के दिग्गज पूर्व आईएएस राजीव रॉय ने राजभर के छक्के छुड़ाये हुए हैं ।

गाजीपुर : इस सीट पर बाहुबली अफजाल अंसारी ने बीजेपी के पारसनाथ राय की खाट खड़ी कर रखी है । यहां मुस्लिम वोट निर्णायक सख्या में हैं और यादव व दलित समुदाय का बड़ा हिस्सा उनके पक्ष में खड़ा दिखाई देता है जिससे उनकी जीत लगभग तय है ।

बलिया : पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को टिकट दे कर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला था , लेकिन नीरज शेखर का चुनाव शुरू से ही नहीं उठ पाया । सपा के प्रत्याशी सनातन पांडे ने ब्राह्मणों के बड़े वोट बैंक को साध कर मुस्लिम, यादव व दलित वोटों के दम पर जीत का परचम लहराने का संकेत दे दिया है । सनातन पांडे भी बड़ी जीत की तरफ अग्रसर होते दिख रहे हैं ।

इसके अलावा #सलेमपुर , #चंदौली , #रॉबर्टसगंज , बांसगांव और #कुशीनगर में भी सपा और बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच रोचक टक्कर होते दिख रही है ।

हिमाचलप्रदेश (4 सीट)

पिछली बार 4 में से चारों सीट जीतने वाली बीजेपी को इस बार हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है और मुकाबला 2-2 का रहने के आसार हैं ।

मंड़ी : इस सीट पर बीजेपी ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को अपना प्रत्याशी बना कर अच्छा दांव चला था , लेकिन कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को मुकाबले में उतार कर कंगना रनौत की हालत पतली कर दी है । कंगना के बड़बोले बौल और ऊलजलूल बयानबाजी मंडी के लोगों को नहीं भा रही जबकि विक्रमादित्य ने अपने शांत स्वभाव और नपे तुले बयानों से लोगों का दिल जीत लिया है । कंगना की हार निश्चित दिख रही है ।

हमीरपुर : केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर पर बीजेपी ने फिर से दांव लगाया है । कांग्रेस के सतपाल रायजादा उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं परंतु पलड़ा ठाकुर का भारी दिख रहा है ।

शिमला : यहां बीजेपी के सुरेश कश्यप और कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी के बीच कांटे की टक्कर है पर पलड़ा बीजेपी का भारी दिखाई देता है ।

कांगड़ा : बीजेपी के राजीव भारद्वाज और कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे आनंद शर्मा के बीच भी दिलचस्प मुकाबला है , किंतु आनंद शर्मा की स्थिति मजबूत बताई जाती है । यहां परिणाम किसी के पक्ष में भी जा सकता है ।

चंडीगढ़ (1 सीट)

इस सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन है । गठबंधन के तहत कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी को मैदान में उतारा हुआ है जबकि बीजेपी ने नये प्रत्याशी संजय टंडन पर दांव लगाया है । यहां मनीष तिवारी काफी मजबूत स्थिति में हैं और उनकी जीत तय बताई जा रही है ।

झारखंड (3 सीटें)

पिछली बार इन 3 में से दो सीटें राजमहल और दुमका इंडिया गठबंधन खेमे के झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने जीती थीं जबकि तीसरी सीट गोड्डा बीजेपी के खाते में गई थी ।

राजमहल : बीजेपी ने यहां ताला मरांडी पर दांव खेला है जबकि जेएमएम ने विजय हांसदां को मैदान में उतार कर बीजेपी के इरादों पर पानी फिराने का संकल्प लिया है । आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में जेएमएम का पलड़ा भारी दिखाई देता है और इस बार भी जेएमएम बाजी मारता लग रहा है ।

दुमका : इस सीट पर बीजेपी ने जेएमएम से हाल ही में बगावत करके आई पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को टिकट दिया है जबकि जेएमएम ने नलिन सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया हुआ है । सीता सोरेन की बगावत से आदिवासी समाज में नाराजगी है और जेएमएम की जीत तय मानी जा रही है ।

गोड्डा : इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद निशिकांत दुबे को फिर से मैदान में उतारा है जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस के प्रदीप यादव जोर आजमाइश कर रहे हैं । दुबे के प्रति स्थानीय इंम्कुम्बैंसी फैक्टर काम कर रहा है और लोगों की नाराजगी काफी चरम पर है । इसलिए यहां इंडिया गठबंधन की जीत आसान दिखाई देती है ।

बिहार (8 सीटें)

पिछली बार इन 8 सीटों में से 5 बीजेपी और 3 जेडीयू ने जीतीं थीं । पर इस बार हालात बदले हुए हैं । इस बार यहां इंडिया गठबंधन की 4 सीटें आती लग रहीं हैं जबकि 4 सीटें एनडीए के खाते में जाती दिख रही हैं ।

काराकोट : एनडीए के घटक राष्ट्रीय लोक पार्टी के उपेंद्र कुशवाह (केंद्रीय मंत्री) मुश्किल मुकाबले में फंसे हुए हैं । उन्हें निर्दलीय भोजपुरी गायक पवन कुमार से कड़ी चुनौती मिल रही है । यहां से इंडिया गठबंधन के घटक सीपीआईएम (माले) के प्रत्याशी राजराम भी मजबूत स्थिति में हैं । यहां पवन कुमार और राजराम में से कोई एक बाजी मार सकता है ।

आरा : बीजेपी के आरके सिंह और सीपीआईएम (माले) के सुदामा प्रसाद के बीच काफी कांटे का मुकाबला है और परिणाम किसी के भी पाले में जा सकता है ।

नालंदा : जेडीयू के कौशलेंद्रकुमार और सीपीआईएम (माले) के संदीप सौरभ के बीच कांटे की टक्कर है । पर पलड़ा सौरभ का भारी है ।

पटनासाहिब : बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को फिर से मैदान में उतारा है जबकि इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अंशुल अविजित (आरजेडी) उन्हें अच्छीखासी टक्कर दे रहे हैं ।

पाटलीपुत्र : आरजेडी की सीमा भारती ने बीजेपी के रामकृपाल यादव को छटी का दूध याद दिला रखा है । सीमा भारती की जीत की काफी संभावना बताई जा रही है ।

जहानाबाद : जेडीयू के चंद्रेश्वर प्रसाद पर आरजेडी के सुरेंद्र यादव भारी पड़ रहे हैं । सुरेंद्र यादव की जीत पक्की बताई जा रही है ।

बक्सर : एनडीए के मिथलेश तिवारी चुनाव में आरजेडी के सुधाकर सिंह पर भारी दिख रहे हैं ।

सासाराम (सु.) : बीजेपी के शिवेश कुमार भी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी मनोज कुमार को कड़ी टक्कर दे रहे हैं । बीजेपी के जीतने की प्रबल संभावना है ।

पंजाब (13 सीटें)

पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 13 में से 8 सीटें जीती थीं जबकि बीजेपी ने 2 सीटें (गुरदासपुर और होशियारपुर) हासिल की थीं और 2 सीटें ( बठिंडा और फिरोजपुर) शिरोमणि अकाली दल को मिलीं थीं । सिर्फ 1 सीट (संगरूर) आम आदमी पार्टी ने प्राप्त की थी । लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं । सिर्फ कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जिसे शहरों और गांवों दोनों में ही अच्छे मत मिल रहे हैं । बीजेपी को शहरी इलाकों में बढ़त मिल रही है तो अकाली दल को गांवों में ही कुछ हद तक वोट मिल रहे हैं ।

आम आदमी पार्टी बठिंडा होशियारपुर और फरीदकोट में अकाली दल और बीजेपी के साथ टक्कर में है तो संगरूर , लुधियाना अमृतसर , आनंदपुर साहिब फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस से सीधी टक्कर में है । कांग्रेस फिरोजपुर में अकाली दल और पटियाला जलंधर और गुरदासपुर में बीजेपी के साथ टक्कर में है । खडूर साहिब में निर्दलीय अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं ।

कुल मिला कर स्थिति यह है कि अकाली दल और बीजेपी एक एक सीट जीत सकते हैं जबकि शेष सीटें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बंटेंगी । इंडिया गठबंधन के दलों को यहां 11 सीटें मिलना तय है जबकि दो सीटों पर असमंजस की स्थिति है ।

बीजेपी के नेता पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सांसद पत्नी परनीत कौर पटियाला की अपनी सीट बचाने के लिए पूरा जोर लगाये हुए हैं तो अकाली दल के मुखिया सुखविंदर सिंह बादल की पत्नी पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल बठिंडा में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं । कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जलंधर सीट पर जीत का परचम लहराते दिख रहे हैं । खडूर साहिब में निर्दलीय खड़े अमृतपाल सिंह और फरीदकोट में इंदिरा गांधी के हत्यार बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं परंतु दोनों सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार क्रमश: कुलबीर सिंह जीरा और अमरजीत कौर साहोके उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं ।

बंगाल (9 सीटें)

पिछले चुनाव में ये सभी नौ सीटें सत्तारूढ़ टीएमसी ने जीतीं थीं । इस बार भी टीएमसी के उम्मीदवार सभी 9 सीटों पर हावी दिखाई देते हैं । दरअसल ये सभी सीटें टीएमसी के मजबूत गढ़ मानी जाती हैं । हालांकि ज्यादातर सीटों पर बीजेपी के साथ ही सीधी टक्कर दिखाई देती है परंतु कुछ सीटों पर माकपा भी संघर्ष में शामिल है ।

डायमंड-हार्बर सीट पर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी बीजेपी के अभीजित दास के मुकाबले मजबूत स्थिति में हैं तो जाधवपुर में टीएमसी की सयानी घोष ने बीजेपी के अर्निबान गांगुली (हाई कोर्ट के पूर्व जज) को दिन में तारे दिखा रखे हैं । कोलकोता नार्थ सीट पर टीएमसी से इस्तीफा देकर आये बीजेपी के तॉपस राय की टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय ने सांसें फुला रखी हैं । कोलकोता-साउथ सीट पर टीएमसी की माला रॉय और बीजेपी की देबाश्री चौधरी के बीच कड़ी टक्कर है । मथुरायपुर में माकपा के शरतचंद्र हालदर , बीजेपी के अशोक पुरकैत और टीएमसी के बापी हालधर के बीच तिकोनी टक्कर है । दमदम सीट पर टीएमसी के सौगत राय , बीजेपी के शीलभद्र और माकपा के सुजान मजूमदार के बीच मुकाबला है पर पलड़ा टीएमसी के सौगत रॉय का ही भारी दिखाई देता है । बारासात सीट पर टीएमसी की काकोली घोष और बीजेपी के स्वप्न मजूमदार के बीच टक्कर है । फारवर्ड ब्लाक के संजीव चटर्जी संघर्ष को तिकोना बनाने में जीजान से जुटे हैं । बशीरहाट सीट पर बीजेपी की रेखा पात्रा , टीएमसी के शेखरूल इस्लाम और माकपा के निरापद सरकार के बीच मुकाबला है परंतु टीएमसी फायदे में है । जयनगर सीट पर बीजेपी के अशोक कंडारी , टीएमसी की प्रतिमा मंडल और आरएसपी के समरेंद्र मंडल के बीच कड़ी टक्कर है पर बाजी कौन मारेगा , यह अभी तक स्पष्ट नहीं है ।

ओडीसा (6 सीटें)

मयूरभंज सीट पर बीजेपी के नाबाचरण मरांडी , बीजेडी के सुदामा मरांडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा की अंजनी सोरेन के बीच तिकोनी फाइट है और जीत किसी के भी पक्ष में जा सकती है ।

भद्रक सीट पर बीजेपी के अभिमन्यु सेठी , कांग्रेस के अनंत सेठी और बीजेडी की मंजूलता मंडल के बीच तिकोनी टक्कर है पर पलड़ा बीजेडी का भारी दिखाई देता है । बालासौर : यहां कांग्रेस के श्रीकांत जेना , बीजेपी के प्रतापचंद्र सारंगी और बीजेडी की लेखाश्री के बीच कड़ी टक्कर है और परिणाम कुछ भी हो सकता है । जाजपुर : बीजेडी की शर्मिष्ठा सेठी की जीत पक्की है बीजेपी के रविंद्र बेहरा और कांग्रेस के अंचल दास मुकाबले को तिकोना बनाने में जुटे हैं । केंद्रपाड़ा : में बीजेपी के सिद्धार्थ स्वरूप दास और बीजेडी के अंशुमान मोहंती के बीच सीधी टक्कर है और परिणाम किसी के भी पक्ष में जा सकता है । जगतसिंहपुरा : यहां भी बीजेडी की राजश्री मल्लिक ,बीजेपी के बिभू प्रसाद तराई और कांग्रेस के रविंद्र कुमार सेठी के बीच काफी कांटे की टक्कर है । पर पलड़ा बीजेडी का भारी दिखाई देता है ।

कुल मिला कर बीजेडी 3 , बीजेपी 2 और इंडिया गठबंधन 1 सीट पर आगे रह सकता है ।

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