लू से बचाव के लिए सरकार ने जारी की एडवाइजरी

चण्डीगढ़, 27 मई-हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने गर्मी के मौसम को देखते हुए हरियाणा सिविल सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारियों को बिजली के उपकरणों, विशेषकर ए.सी., कूलर और पंखों इत्यादि के सम्बन्ध में खास एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा सभी शाखा प्रभारियों को लिखे एक पत्र में कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान कई विद्युत उपकरण जैसे ट्यूब लाइट, यू.पी.एस. दीवार पंखे, पेडस्टल फैन, सीलिंग पंखे और एयर कंडीशनर चलते हुए पाए गए। ऐसी लापरवाही के चलते बिजली की बर्बादी हो रही है जिससे बिजली का बिल बढ़ने के साथ-साथ बिजली उपकरण भी खराब हो सकते हैं। साथ ही इससे आग लगने की आशंका भी बनी रहती है।

इसलिए अधिकारी-कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि उपयोग में न होने या कार्यालय छोड़ने से पहले बिजली के सभी प्वाइंट बंद हों। यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है और किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए शाखा प्रभारी उत्तरदायी होंगे।

इसके अलावा, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने भी लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में धूप में घूमने वालों, खिलाड़ियों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी इलाज से बचाव बेहतर है। इसलिए आमजन से आह्वान किया गया है कि वे सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की पालना करें और लू से बचे रहें।

लू से बचाव के लिए स्थानीय मौसम संबंधी खबरों के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें, गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं-भले ही प्यास न लगी हो, ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) नींबू-पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें। बच्चों को वाहनों में छोड़कर न जाएं। इससे उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है। नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत-खलिहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में आसरा लें। गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं। खासतौर से दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में सीधे न जाएं। यदि बच्चे को चक्कर आएं, उल्टी, घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।

एडवाइजरी में कहा गया है कि बढ़ती गर्मी में बुजुर्गों एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें। तेज गर्मी, खासतौर से जब वे अकेले हों, तो कम से कम दिन में दो बार उनकी जांच करें, ध्यान रहे कि उनके पास फोन हो, यदि वे गर्मी से बेचैनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें। उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें। शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ डॉक्टर अथवा एम्बुलेंस को बुलाएं। उन्हें अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए कहें।

एडवाइजरी में कहा गया है कि जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। उन्हें घर के भीतर रखें, पानी के दो बाउल रखें ताकि एक में पानी खत्म होने पर वे दूसरे से पानी पी सकें। यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें। ध्यान रहे कि जहां उन्हें रखा जाए वहां दिनभर छाया रहे। अपने पालतू जानवर का खाना धूप में न रखें, जानवरों को किसी बंद जगह में न रखें, यदि आपके पास कुत्ता है तो उसे गर्मी में न टहलाएं। उन्हें सुबह और शाम को घुमाएं। कुत्ते को गर्म सतह (पटरी, तारकोल की सड़क, गर्म रेत) पर न टहलाएं। किसी भी स्थिति में जानवर को वाहन में न छोड़ें।