गुरुग्राम, 15 मई 2024 । सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की दिव्य कृपा से निरंकारी मिशन के गुरुग्राम सेक्टर का निरंकारी अंग्रेजी माध्यम संत समागम गत शनिवार सांय गुरुग्राम के घामरोज स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित किया गया। इस तरह के समागम निरंकारी मिशन द्वारा समय-समय पर जन जागरूकता और सत्य और सार्वभौमिक भाईचारे के संदेश को फैलाने के लिए आयोजित किए जाते हैं।

समागम का विषय ‘सुकून’ था जिसका अर्थ है ‘अंदर की शांति’। इस तरह के पवित्र समागम में मुख्य रूप से युवा शामिल होते हैं और बड़े पैमाने पर अंग्रेजी माध्यम का उपयोग सभी प्रतिभागियों द्वारा किया जाता है। जिसमें हिंदी या स्थानीय भाषा का कुछ मिश्रण भी होता है। इसका उद्देश्य युवाओं को अंग्रेजी में मिशन का संदेश फैलाने में सक्षम बनाना है। इस पवित्र समागम की शोभा आदरणीय एडवोकेट श्वेता कपूर जी ने बढ़ाई, जो सफदरजंग, दिल्ली से सतगुरु का संदेश देने के लिए मंच पर विराजमान थीं।

आदरणीय श्वेता कपूर जी ने अपने संबोधन में ‘सुकून’ की खोज और संधारण पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें ईश्वर ज्ञान, संघर्ष प्रबंधन, भिन्न विचारों के प्रति सहनशीलता का महत्व, स्वीकृति, जाने देने की कला और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के महत्व पर प्रकाश डाला।

अंग्रेजी माध्यम संत समागम का माहौल दिव्य ऊर्जा और युवाओं के उत्साह से गूंज उठा। इस आयोजन पर विचार करते हुए, श्रद्धेय श्वेता कपूर जी ने कहा कि समागम का हर पहलू बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित था, और सभी संतों ने अपना 100 प्रतिशत से अधिक दिया है। यह समागम की भावना में शुरू से लेकर अंत तक स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। समागम में युवा आध्यात्मिक वक्ताओं के सुंदर जमावड़े की प्रशंसा की। संक्षेप में, गुरुग्राम सेक्टर के निरंकारी अंग्रेजी माध्यम संत समागम ने ईश्वरीय ज्ञान के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान के एक प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य किया, जिससे सभी के बीच प्रेम, एकता, शांति और समझ को बढ़ावा मिला। ऐसे पवित्र समागम का हिस्सा बनना एक अद्भुत और सुंदर, वास्तव में यह एक दिव्य अनुभव रहा।

उन्होंने समागम के आयोजन में उल्लेखनीय प्रयासों के लिए साध संगत गुरुग्राम को बधाई दी। उन्होंने पिछली शाम एक भयंकर धूल भरी आंधी के कारण आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिसने व्यवस्थाओं को बाधित कर दिया था। इस बाधा के बावजूद, सेवादारों ने सभी व्यवस्थाओं को तुरंत बहाल करने में सराहनीय सेवा की।

समागम में युवा संतों द्वारा “आंतरिक शांति” विषय पर वक्तव्य दिए गए। इनमें ‘स्वीकृति’, ‘समभाव’, ‘इच्छाओं से मुक्ति’, ‘विनम्रता और ‘समर्पण’ शामिल थे। अंग्रेजी और हिंदी में भक्ति समूह गीतों के साथ-साथ पवित्र ग्रंथों हरदेव बाणी और अवतार बाणी के शब्दों ने आध्यात्मिक उत्साह को बढ़ाया। वक्तव्यों के बीच-बीच में बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की वीडियो क्लिपिंग भी दिखाई गई, जिसमें युवाओं को नशे के नुकसानों के खास तौर पर ड्रग्स के बारे में आगाह किया गया। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का संदेश कि कृतज्ञता किस तरह आंतरिक शांति को बढ़ावा देती है। निरंकारी युवा संगोष्ठी हरियाणा के गान द्वारा युवाओं को सत्य की ओर ले जाने में सतगुरु के प्रयासों को रेखांकित किया गया।

कवि दरबार में युवा कवियों ने अंग्रेजी, हिंदी और हरियाणवी भाषाओं में ‘सुकून’ पर अपनी कविताएं पढ़ी।

बहन नवरूप निरंकारी जी, सर्वश्री जोगिंदर मनचंदा जी (कार्यकारिणी सदस्य, संत निरंकारी मंडल), एसपीएस दलाल जी ने भी अंग्रेजी भाषा संत समागम को संबोधित किया। रजवंत गिल जी (मुखी, घामरोज) द्वारा दूर-दराज से आई साथ संगत का धन्यवाद किया।

युवा संतों को उनकी उत्साही भागीदारी और उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के लिए आभार व्यक्त किया और सतगुरु के प्रति उनकी दिव्य कृपा के लिए आभार व्यक्त किया। सतगुरु के प्रति गहन आभार के साथ सरकारी अधिकारियों, टोल प्लाजा, स्थानीय प्रशासन, सेवादारों और साध संगत के प्रयासों को स्वीकार किया और उनकी सराहना की।

समागम का समापन सतगुरु के लंगर से हुआ, जिसमें सेवा, समानता, सद्भाव और एकता की भावना को बढ़ावा दिया गया।

error: Content is protected !!