शौर्य,पराक्रम व समर्पण से परिपूर्ण थे राणा

जाटोली 9 मई। भारतीय इतिहास में महान योधाओ एवम साहसी पराक्रमी शूरवीरों क़ा जब भी नाम याद किया जाता है उनमें महाराणा प्रताप कुम्भलगढ़ क़ा नाम सबसे आगे आता है | महाराणा प्रताप जयंती क़ा आयोजन पूर्व प्रधान नगरपालिका जगदीश जी की अगुवाई मे जाटोली मंडी में के आर्य समाज मंदिर मे सर्व समाज की और से पुष्प अर्पित कर मनाई जिसमें आस पास के सभी समुदाय के लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने विचार रखे और बताया कि महाराणा प्रताप का नाम इतिहास में सदेव याद रखा जाएगा जिन्होने कभी भी मुगल सम्राट अकबर की आधीनता को स्वीकार नही किया क्योंकि वो बहुत ही निडर साहसी बलशाली वीरता के प्रतीक थे और अपने देश स्वाधीन के प्रति बहुत समर्पित थे |

कहा जाता है कि उनक़ा कद सात फीट व वजन 100 किलो से ज्यादा था तथा इतना ही वजन के कवच व भाले वो अपने शरीर पर रखते थे | इनकी वीरता के साथ साथ इनके घोड़े चेतक क़ा नाम भी इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है जो युध के दौरान अकबर की सेना को पीछे छोड़ 22 फीट दे ज्यादा बड़े नाले को छलांग लगा कर पार कर गये थे | जयंती समारोह में सभी गणमान्य लोगो ने कहा के हमें इन वीर योधा के पद चिन्हों पर चलना चाहिये व समाज में एक अच्छा संदेश व भाई चारे की भावना पैदा करनी चाहिये जिससे की समाज में एकता आये क्योंकि राणा जेसे प्रतापी योधा कमजोरों के मसीहा थे और गलत क़ा विरोध करने वालों में थे वो सभी जाति व समुदाय को एकता के सूत्र में बांधना चाहते थे |

इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संघठनों से जुड़े पदाधिकारी पूर्व कप्तान जनक चौहान, रवि चौहान , मास्टर सुरेन्द्र चौहान ,सतपाल सिंह, अशोक चौहान,राय सिंह चौहान, बहादुर चौहान,सतीश चौहान, राकेश मित्तल, सरजीत सिंह सहित आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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