भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। चार बार से सांसद रहे राव इंद्रजीत इस बार परेशानी में फंसते नजर आ रहे हैं। परेशानी कांग्रेस उम्मीदवार की नहीं, अपने ही घर की नजर आ रही है।

3-4 दिन से रोज समाचार आ रहे हैं कि राव इंद्रजीत सिंह और उनकी पुत्री आरती राव 12-12, 15-15 सभाएं प्रतिदिन कर रहे हैं। जहां तक कि मैं राव इंद्रजीत सिंह को जानता हूं, मैने तो कभी भी इतनी शक्ति उनमें नहीं देखी कि लगातार कई रोज सारा दिन प्रचार कर पाएं। थकान उन पर हावी हो जाती थी लेकिन शायद अब हार का डर सिर चढक़र बोल रहा है इसलिए अपने आप ही अधिक मेहनत कर रहे हैं। मेरी कामना है कि भगवान उन्हें स्वस्थ रखे।

लगता है राव राजा इंद्रजीत सिंह से इस बार चुनाव का गणित भांपने में गलती रह गई। वह इस बार चुनाव केवल और केवल मोदी के नाम पर लड़ रहे हैं। अपने और अपने परिवार को पीछे रख मोदी परिवार के हो गए हैं और मोदी जी का जो जनता में जादू रह गया है, वह गत 16 फरवरी को एम्स की रैली में और गत 11 मार्च को द्वारका एक्सप्रेस-वे की रैली में नजर आ गया।

तात्पर्य यह कि मोदी के नाम पर तो वोट मिल नहीं रहे, अपने आपको वह भूल चुके तो वोट कैसे मिलेंगे? अब आज की ही देखिए, राव इंद्रजीत सिंह ने विज्ञप्ति जारी की है कि उन्होंने गुरुग्राम के कार्यक्रमों में कहा है कि गुरुग्राम के विकास को केंद्र की योजनाओं से रफ्तार मिली है। अब जनता पूछ रही है कि कौन-से विकास को रफ्तार मिली है? सबसे पहले मनुष्य को अपनी मूलभूत आवश्यकताएं चाहिएं, जिसमें सफाई के लिए गुरुग्राम का स्तर रैकिंग में भी लगातार गिरता जा रहा है। जगह-जगह कूढ़े के ढ़ेर लगे हैं। प्रदूषण बिगड़ा हुआ है, बरसात आने वाली है, निगम की ओर से अभी तक नालों की सफाई नहीं हुई है, यह तो सफाई का विकास है।

सफाई के बाद अब स्वास्थ की बात कर लें तो स्वास्थ में अस्पताल जो गुरुग्राम की चार लाख आबादी के लिए दस साल से बनने के लिए बाट जोह रहा है, वह आज तक टूटा भी नहीं है और इसका लाभ उठाकर प्राइवेट डॉक्टर खूब चांदी कूट रहे हैं। चर्चा तो यहां तक भी है कि कुछ भाजपाई नेता समाजसेवा के नाम पर नागरिकों को लूट रहे हैं। प्रश्न यह है कि प्राइवेट स्वास्थ संस्थानों की जांच क्यों नहीं कराते?

अब शिक्षा की बात करें तो यहां भी भ्रष्टाचार का राज है। बच्चों का भविष्य खतरे में है। यह नहीं पता कौन-सा स्कूल खुलेगा और कौन-सा बंद होगा? स्कूल वाले अंधाधुंध एनुअल चार्जेज और फीस ले रहे हैं। वर्दी और किताबें स्कूल से ही बेच रहे हैं। सब नियम के विरूद्ध कार्य हो रहे हैं लेकिन विभाग जानते हुए चुप है और जनप्रतिनिधि क्यों खामोश हैं? शायद इस लूट में भाजपा के लोग भी शामिल हैं, इसलिए खामोशी है।

शीर्षक वाली बात, भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। इनके पन्ना प्रमुख तक बने हुए हैं लेकिन राव इंद्रजीत के साथ प्रचार में कोई नजर नहीं आ रहे हैं। कारण क्या है, अनुमान लगाते हैं।

एक तो राव साहब ने कभी भी भाजपा वालों को अपने साथ नहीं रखा, केवल अपने समर्थकों को ही रखा। शायद यही कारण है कि अब वह दूर हो रहे हैं। दूसरा राव साहब ने सदा अपनी अलग तरह की राजनीति की है। पिछले विधानसभा चुनाव में गुरुग्राम से सूबे सिंह बोहरा, अश्वनी शर्मा, भोपाल राव आदि को लड़वाया।

ऐसे ही पटौदी में भी सत्यप्रकाश के विरूद्ध नरेंद्र पहाड़ी को लड़वाया था। अभी पटौदी में हुए जिला परिषद चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार के विरूद्ध दीपाली चौधरी को समर्थन दिया था। शायद इन्हीं बातों का असर है कि भाजपाई इनके साथ नहीं आ रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!