फरीदाबाद, हिसार ,महेंद्रगढ़ के साथ साथ सोनीपत सीट भी फंसा दी हुड्डा की प्रेसर पोलटिक्स ने

ऋषिप्रकाश कौशिक/ महेश कौशिक

हरियाणा में लोकसभा की नौ टिकटों में जिस प्रकार भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस हाईकमान ने फ्रीहैंड देकर ऐसा लगता है कि कांग्रेस की टिकटे जीतने के लिए नही अपितु हरवाने के लिए दी गई है। कांग्रेस की टिकटों में लगातार देरी होने का कारण भी टिकटों में मनमानी को लेकर ही रहा था लेकिन कांग्रेस में बीरेंद्र की इंट्री हिसार से टिकट मिलने के आश्वासन के बाद हुई थी यह सबको पता है। कांग्रेस ने अपने कोटे की 9 में से आठ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है और इस ऐलान के होते ही जैसे पहले से ही सब इस बात से चौकन्ने थे कि कांग्रेस में विरोध के बम का धमाका होना तय है।

कांग्रेस के टिकटों की घोषणा में जो सबसे ज्यादा धमाका हुआ वो बीजेपी छोडक़र कांग्रेस का दामन थामने वाले सांसद चौधरी बिजेंद्र सिंह को टिकट नहीं देने का था वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के परिवार से भी किसी को कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं बनाया है। कांग्रेस उम्मीदवारों की इस फेहरिस्त पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की छाप साफ दिख रही है क्योंकि कांग्रेस के आठ में से सात टिकट उनके करीबी नेताओं को मिले हैं. इस तरह से भूपेंद्र हुड्डा ने अपने विरोधी ‘एसआके’ गुट को अपनी सियासी ताकत का एहसास करा दिया है। कांग्रेस ने अपनी लिस्ट में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को प्रत्याशी बनाया है. अंबाला सीट मुलाना के विधायक वरुण चौधरी, सिरसा से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, हिसार सीट से पूर्व सांसद जयप्रकाश, करनाल सीट से यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा, सोनीपत सीट से सतपाल ब्रह्मचारी, भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और फरीदाबाद से पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दिया गया है. गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है।

कांग्रेस के टिकटों की घोषणा के बाद दो तीन दिन तक इन टिकट कटे लोगों का इस झटके से उबरने में लग गये और अब इन सभी टिकट कटे लोगों ने पिछले दो दिन में अपने अपने समर्थकों को बुलाकर जो संदेश दिया है वो हुड्डा के लिए व लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी को साफ चेतावनी देने का काम कर रहे है। सबसे पहले बात करे हिसार की तो वहां से भाजपा छोडक़र कांग्रेस में आये बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने पर उन्होंनें अपनी टिकट कटवाने का सीधा आरोप हरियाणा के नेता यानि कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर लगा दिया है। उन्होंनें कह दिया कि उनका नाम ऊपर की लिस्ट में तो था लेकिन नीचे यानि कि हरियाणा के नेता ने कटवा दिया। यहां से लोकसभा प्रत्याशी जयप्रकाश को हुड्डा का खास माना जाता है। पूर्व में भी विरेंद्र सिंह हुड्डा पर टिकट मिलने पर उन्हें हरवाने का काम करवाने की संभावना का आरोप लगा चुके है। स्पष्ट शब्दों में कहे तो चौधरी बिरेन्द्र सिंह के बेटे की टिकट कटवाने की कीमत हिसार लोकसभा के साथ रोहतक लोकसभा में भी चुकानी पड़ सकती है क्योंकि रहबरे आजम सर छोटूराम का निवास होने के कारण चौधरी बिरेंद्र का गढ़ी सांपला से खास नाता रहा है। बृजेंन्द्र सिंह की टिकट कटने से उनके समर्थकों में काफी रोष है।

वहीं पूर्व सीएम बंसीलाल परिवार को एक विधान सभा तक सीमित करने की मंशा भी कांग्रेस को भारी पड़ सकती है क्योंकि यदि बंसीलाल परिवार की विरासत को संभालने वाली किरण चौधरी को यदि विधायक ही बनना है तो पूरे हरियाणा में उनके प्रचार का क्या औचित्य है। उन्होंनें भी अपने समर्थकों के साथ बैठक कर राव दान सिंह की दूगणी मदद करने का जो शब्द प्रयोग किया उससे किरण के समर्थकों में स्पष्ट संदेश दिया जा रहा। वहीं भले ही करण दलाल रिश्तेदारी के चलते हुड्डा उन्हें मना भी ले लेकिन फिलहाल तो फरीदाबाद वाले चौधरी भी पार्टी से अलग ही स्वर में बोल रहे है। ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशी भले ही हुड्डा की पसंद और रायशुमारी से घोषित किये गये हो लेकिन अब इन सीटों को जिताने की जिम्मेदारी भी हुड्डा की खुद की रहने वाली है और साथ ही रोहतक लोकसभा सीट पर बीरेंद्र सिंह और किरण चौधरी के खास समर्थकों से सावधान रहना पड़ेगा ऐसा न हो कि इन नेताओं की टिकट कटने का विरोध हुड्डा परिवार की रोहतक लोकसभा तक पहुंच जाये।

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