हरियाणा के वरिष्ठ राजनेता चौ0 बीरेन्द्र सिंह व किरण चौधरी ने निजी नुकसान होने पर जिस परिपक्कवता का परिचय दिया है, वह हरियाणा के सभी कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए एक प्ररेणा का सबब है : विद्रोही

29 अप्रैल 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने दावा किया कि जिस तरह श्रुति चौधरी की भिवानी-महेन्द्रगढ़ व चौ0 बृजेन्द्र सिंह की हिसार में टिकट कटने के बाद भाजपा कांग्रेस में बिखराव के दमगज्जे मार रही थी, उसे श्रीमती किरण चौधरी, चौ0 बीरेन्द्र सिंह, बृजेन्द्र सिंह ने अपने परिपक्कव आचरण से न केवल धाराशाही कर दिया अपितु टिकट कटने के बाद भी प्रतिबद्धता से कांग्रेस को जिताने का सार्वजनिक संकल्प करके भाजपाईयों-संघीयों को घोर निराशा-हताशा की दलदल में भी धकेल दिया है। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के वरिष्ठ राजनेता चौ0 बीरेन्द्र सिंह व किरण चौधरी ने निजी नुकसान होने पर जिस परिपक्कवता का परिचय दिया है, वह हरियाणा के सभी कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए एक प्ररेणा का सबब है। सभी कांग्रेसजनों को अपनी निजी पंसद, नापसंद, लाभ, नुकसान को तांक पर रखकर देश का लोकतंत्र व संविधान बचाने की लडाई और समाज के हर वर्ग को 25 गारंटियों के माध्यम से सामाजिक न्याय, संवैद्यानिक हक देने की कांग्रेस व राहुल गांधी की प्रतिबद्धता को जमीन पर उतारने के लिए हरियाणा की सभी दस सीटे कांग्रेस-इंडिया गठबंधन की झोली में आये, इस पर एकजुटता से काम करना चाहिए।  

विद्रोही ने कहा कि चौ0 बीरेन्द्र सिंह व किरण चौधरी ने जिस तरह कांग्रेस व कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय को स्वीकार करके मजबूती से पार्टी के साथ खड़े रहकर भाजपा को हराने का संकल्प किया है, वह बताता है कि कांग्रेस नेता युद्ध के मैदान में निजी हितों को तांक पर रखकर देश, समाज, पार्टी हितों को महत्व व प्राथमिकता देने वाले असली देशभक्त व जनहितैषी नेता है। हरियाणा में टिकटों के बटवारे के बाद भाजपा कांग्रेस में जिस बिखराव, सिर फुटवेल के दमगज्जे मार रही थी, वे तो धाराशाही हुए ही है, साथ में चौ0 बीरेन्द्र सिंह व किरण चौधरी के राजनीतिक परिपक्कव व्यवहार से भाजपा को निराशा व हताशा के गर्त में भी धकेल दिया है। विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस पर गुटबाजी का आरोप लगाकर भाजपा सत्ता बल पर कांग्रेस के प्रति दुष्प्रचार कर रही थी, हरियाणा में वह दुष्प्रचार तो सफल नही हुआ उल्टा अपने को अनुशासित बताने वाली भाजपा की गुटबाजी, स्वार्थो की राजनीति पूरे हरियाणा की जनता को सडकों पर जरूर दिख गई। डेढ़ माह पूर्व प्रत्याशी घोषित करने वाली भाजपा अपने कार्यकर्ताओं व नेताओं को भी न तो एकजुट कर पाई और न ही प्रभावी प्रचार करने में सफल हो रही है। हरियाणा में भाजपा उम्मीदवारों को जिस तरह भाजपा कार्यकर्ता व आम जनता विरोध कर रही है, उसके चलते कांग्रेस-इंडिया गठबंधन का चुनाव अब स्वयं जनता लड़ रही है। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा की बहादुर जनता प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटे कांग्रेस-इंडिया गठबंधन की झोली में डालने का पक्का मन बना चुकी है।    

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