जनता से वोट नहीं, बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए- हुड्डा

बीजेपी ने हरियाणा की 63% आबादी को गरीबी की दलदल में धकेला- हुड्डा

2.86 करोड़ आबादी में से 1.8 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे पहुंचे- हुड्डा

बेरोजगारी, गरीबी, अपराध व अर्थव्यवस्था समेत हर मोर्च पर विफल रही बीजेपी- हुड्डा

चंडीगढ़, 23 अप्रैलः आधी लचर, आधी लाचार और पूरी तरह बेकार है हरियाणा की बीजेपी सरकार। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा प्रदेश सरकार के पूरे कार्यकाल पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। इस मौके पर हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बीजेपी को वोट मांगने की बजाय, जनता से माफी मांगनी चाहिए। मंचों से हवा-हवाई भाषणबाजी करने की बजाय खुद के सरकारी आंकड़े देखने चाहिए। आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी ने एक ऐसे प्रदेश को गरीबी में नंबर वन बना दिया,जो 2014 से पहले देश का सबसे समृद्ध राज्य था।

खुद बीजेपी द्वारा बनाई गई फैमिली आईडी का डाटा बताता है कि हरियाणा की 63% आबादी गरीबी के दलदल में फंस चुकी है। हरियाणा की 2.86 करोड़ आबादी में से 1.8 करोड़ यानी लगभग 45 लाख परिवार गरीबी रेखा से नीचे पहुंच चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी हरियाणा के लोगों को गरीब बनाने की उपलब्धि लेकर चुनाव में जनता के बीच जा रही है? क्या बीजेपी भविष्य में प्रदेश को और गर्त में उतारने का वादा लेकर जनता से वोट मांग रही है?

हुड्डा ने कहा कि सिर्फ गरीबी ही नहीं, खुद केंद्र सरकार द्वारा जारी बेरोजगारी के आंकड़े भी प्रदेश सरकार की पोल खोलते हैं। केंद्र सरकार का डाटा बताता है कि बीजेपी कार्यकाल के दौरान हरियाणा में कांग्रेस सरकार के मुकाबले बेरोजगारी तीन गुना बढ़ गई है। अलग-अलग एजेंसियों के आंकड़े बार-बार यह खुलासा कर चुके हैं कि हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन है।

बेकाबू अपराध की बात करें तो खुद केंद्र सरकार का सामाजिक प्रगति सूचकांक हरियाणा को देश का सबसे असुरक्षित राज्य बताता है। सवाल खड़ा होता है कि क्या बीजेपी जनता की जान-माल जोखिम में डालने की उपलब्धि लेकर वोट मांग रही है?

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी बीजेपी की उपलब्धि जीरो बटे सन्नाटा रही है। साल 2014-15 में हरियाणा की GSDP साढ़े चार लाख करोड़ रुपए थी और आंतरिक राज्य ऋण 70,931 करोड़ था। जबकि साल 2023-24 में में GSDP लगभग दोगुनी यानी 10 लाख करोड़ तक पहुंची है। लेकिन तमाम कर्ज और देनदारियों को जोड़ा जाए तो कर्ज का आंकड़ा साढ़े 7 गुणा बढ़कर लगभग साढ़े चार लाख करोड़ हो चुका है। यानी बीजेपी कार्यकाल के दौरान प्रदेश की जीडीपी बमुश्किल दोगुना बढ़ी और कर्ज उसके मुकाबले कई गुना बढ़ा।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी के पास किसी भी क्षेत्र में गिनवाने लायक कोई काम नहीं है। बड़े-बड़े दावे करने वाली बीजेपी बताए कि उसके कामों का जनता को कोई लाभ क्यों नहीं हो रहा? हरियाणा में गरीबी, बेरोजगारी, अपराध और कर्जा कम होने की बजाए बढ़ क्यों रहे हैं?

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