पूर्व मंत्री ओम प्रकाश यादव का भी विरोध ग्रामीण बोले खट्टर ने भाईचारा खत्म किया जब सीहमा को उप तहसील घोषित करने के बाद दोंगड़ा अहीर में खट्टर को बनाया था बंधक भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। विधानसभा नारनौल के गांव सीहमा में वोट मांगने पहुंचे भाजपा प्रत्याशी चौधरी धर्मवीर सिंह का ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया। उनके साथ नारनौल विधानसभा से विधायक एवं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश यादव सहित अन्य भाजपा नेताओं को भी ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए वह थोड़ी देर में ही कार्यक्रम छोड़कर चले गए। अब गांव के सरपंच के पति जो नारनौल के विधायक तथा रामपुर हाउस से जुड़ा हुआ है द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि यह सब एक तो कांग्रेसियों के द्वारा किया गया है, गांव में कोई विरोध नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के मौजूदा सांसद हुए भाजपा की टिकट से भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा के प्रत्याशी चौधरी धर्मवीर सिंह शनिवार को वोट मांगने के लिए नारनौल विधानसभा के बड़े गांव सीहमा में आए थे। सुबह करीब 8 बजे गांव में एक सभा आयोजित की गई थी इस सभा के दौरान ग्रामीण पहले से ही काले झंडे लिए हुए बैठे थे। बताया जा रहा है कि सांसद धर्मवीर सिंह और मंत्री ओमप्रकाश यादव जब ग्रामीणों को संबोधित करने लगे तो ग्रामीणों ने दोनों को काले झंडे दिखाकर विरोध जताया । उनके विरोध का कारण था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा घोषित सिहमा को उप तहसील का न बनाया जाना। ग्रामीणों का कहना था कि मौजूदा भाजपा सरकार ने गांवों का भाईचारा बिगाड़ दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीहमा गांव में आयोजित एक सभा में गांव को उप तहसील बनाने का ऐलान किया था। जिसके बाद इसका पड़ोस के गांव दोंगड़ा अहीर के लोगों ने विरोध किया था। गांव में विरोध करने वाले और भाजपा समर्थकों के बीच कुछ वाद विवाद भी हुआ। गत 25 मई 2023 को लोंगड़ा अहीर के लोगों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री खट्टर का घेराव भी कर लिया था। ग्रामीणों का कहना था कि यह गांव लोंगड़ा अहीर की पुरानी मांग रही थी। इस प्रकार भाजपा सरकार दो पड़ोसी गांव के लोगों का भाईचारा समाप्त करना चाह रही है । जिसका दोनों गांव के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। वहीं गांव वालों का विरोध होता देख सांसद धर्मवीर सिंह में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव ने लोगों को काफी समझाया लेकिन लोगों ने उनकी एक ने सुनी, अपना प्रबल विरोध जताते रहे। इसके बाद सांसद, पूर्व मंत्री सहित सभी भाजपा नेता वहां से चले गए। चौधरी धर्मवीर सिंह के अलावा पूर्व मंत्री व नारनौल के विधायक ओम प्रकाश यादव, नरेंद्र झिमरिया, पृथ्वीराज यादव एडवोकेट, बाबूलाल यादव पटीकरा सहित कई भाजपा नेता साथ थे। सभी नेताओं के जाने के बाद घटना की भरपाई की कोशिश शुरू कर दी गई। गांव के सरपंच पति जो भाजपा नेताओं का करीबी है द्वारा इस घटना के पीछे कांग्रेस के लोगों का हाथ बता रहा है। उसका कहना है कि गांव में एक दूसरा भी व्यक्तियों ने इस तरह का काम किया है जिससे पूरे गांव की बदनाम हुई। वीडियो में 6 साल व्यक्ति हाथ में काला झंडा लिए हुए विरोध करते साफ दिखाई दे रहे हैं। अतीत की कहानी जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का हुआ था विरोध जिला महेंद्रगढ़ के नारनौल विधानसभा के गांव सीहमा को उप तहसील का दर्जा दिए जाने का जबरदस्त विरोध किया जा रहा है। जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा सीहमा को उप तहसील बनाने का बीते कल शाम (गत 25 मई 2023) ऐलान किया गया था। इसके बाद अटेली विधानसभा के समीपवर्ती गांव दौंगड़ा अहीर के लोग भड़क गए। दौगड़ा अहीर के लोग पहले से ही उप तहसील की मांग कर रहे थे। इस गांव को महेंद्रगढ़ भिवानी सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने गोद लिया हुआ था। गुस्साए ग्रामीणों ने रात को ही गांव में प्रदर्शन करके विरोध जताया। इसी गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री का रात्रि प्रवास था। ऐसे में रात के समय गांव का कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री से मिलने नहीं गया। लोगों में मुख्यमंत्री के प्रति काफी गुस्सा है। सुबह प्रशासन के आग्रह पर कुछ लोग मिलने के लिए जब तत्कालीन सीएम के पास पहुंचे तो खट्टर ने मिलने से मना कर दिया। गांव वाले जबरदस्त आक्रोशित थे और कह रहे थे कि मुख्यमंत्री को बाहर नहीं निकलने देंगे। बुला लो चाहे कितना भी पुलिस बल बुलाया जाए। शुक्रवार सुबह भी लोग सड़कों पर उतर आए। भारी संख्या में महिलाएं भी सड़कों पर आ गई।सरकार, पार्टी और विधायक के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी करते हुए कहा कि मनमानी नहीं चलने देंगे। विरोध की जानकारी मिलते ही अटेली के विधायक सीताराम यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन उनका जबरदस्त विरोध हुआ। विधायक का ग्रामीणों ने घेराव किया। बाद में पुलिस की सहायता से उन्हें मुख्यमंत्री पड़ाव की तरफ भेजा गया। विधायक का विरोध होने पर मौके पर पुलिस अधीक्षक भी पहुंचे तथा उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी बात पर अड़े हुए हैं। गांव में काफी आक्रोश रहा और तनाव की स्थिति बनी रही। उधर भारी मात्रा में पुलिस बल मंगाया गया। गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। गांव के लोगों और महिलाओं का कहना है कि मुख्यमंत्री को नहीं जाने दिया जाएगा। डीजी सीआईडी आलोक गांव में पहुंचे हैं। सीएम और ग्रामीणों में बनी सहमति, ग्रामीणों को मिला आश्वासन का लालीपॉप सीएम ने कहा दोनों गांव की फिजिबिलिटी रिपोर्ट मंगवाएंगे जिस गांव की रिपोर्ट सही होगी उसी को उप तहसील बनाया जाएगा। ग्रामीणों के प्रबल विरोध को देखते हुए आखिरकार खट्टर को झुकना पड़ा और उन्होंने गांव के 11 आदमियों के एक शिष्टमंडल से बात करने की हामी भरी। प्रशासन ने 11 लोगों के साथ मुख्यमंत्री की बात कराई। शिष्टमंडल के समक्ष व्यापक विचार विमर्श हुआ इसी बीच पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा भी वहां पर आ गए। इस बातचीत में अटेली के विधायक सीताराम यादव भी उपस्थित थे। बाहर आकर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के समक्ष कहा कि गांव की फिजिबिलिटी रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों ने उनको नहीं बताया और सारी घटना का ठीकरा अधिकारियों के सिर पर फोड़ दिया। इस बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों से सीहमा को उप तहसील बनाने संबंधी फीजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी गई थी। अधिकारियों ने उनको सही रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करवाई। उन्हें नहीं पता था कि दौगड़ा अहीर की भी ऐसी मांग है । इसी बात पर जनता ने जब कहा कि विधायक ने मांग उठाई थी तो उन्होंने स्वीकार किया कि यहां सीताराम यादव ने विधानसभा में बात उठाई थी। उन्होंने आश्वासन दिया अब दोनों गांव की फीजिबिलिटी रिपोर्ट मंगवाएंगे जिस गांव की रिपोर्ट सही होगी उसी को उप तहसील बनाया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया था कि अटेली विधानसभा में जब भी जनसंवाद कार्यक्रम होगा वह इसकी घोषणा कर देंगे। इसके बाद ग्रामीणों ने विरोध बंद कर दिया लेकिन उनकी बातचीत के दौरान विरोध के नारे लगते साफ सुनाई दे रहे थे। ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री को सकुशल जाने के बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली थी। इसके बाद सीएम जनसंवाद कार्यक्रम के लिए नांगल सिरोही के लिए रवाना हो गए थे। Post navigation यूपीएससी में 119वीं रैंक पाने वाले दीपांशु गुप्ता ने उपायुक्त व एसपी से की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया योजनाबद्ध तरीके से गरीबों का उत्थान: नायब सैनी