अगले दो दिन बसों की जांच के लिए जिला में पांच स्थान किए निर्धारित, सभी स्कूल प्रबंधन को डीसी कार्यालय से दी गयी सूचना

डीसी ने कहा, जांच आदेशों की अवहेलना करने वाले स्कूलों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

गुरूग्राम, 12 अप्रैल। जिला में स्कूली बच्चों को सुरक्षित स्कूल वाहन पालिसी के तहत सुरक्षित स्कूल वाहन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डीसी निशांत कुमार यादव ने जिला के पांचों उपमंडल पर शनिवार 13 अप्रैल व रविवार 14 अप्रैल को सघन जांच अभियान शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। दो दिनों तक चलने वाले इस व्यापक जांच अभियान में निर्धारित पांच स्थानों पर जिला में संचालित 527 स्कूलों की 26 सौ बसों की निर्धारित मानकों व सुरक्षा नियमों के तहत उनमें दी जाने वाली सुविधाओं की जांच की जाएगी। जिला के सभी प्राइवेट स्कूलों को इस बारे डीसी कार्यालय से बाकायदा फ़ोन कर सूचना दी गयी है।

डीसी निशांत कुमार यादव ने इस व्यापक जांच अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जिला के सभी 527 प्राइवेट स्कूलों को पांच भागों में बांट कर उनसे संबंधित बसों को डीसी कार्यालय द्वारा बताए गए स्थान पर लाने के आदेश दिए गए है। उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों को यह भी सूचना दी गयी है कि जांच के लिए आने वाली सभी बसों में सभी निर्धारित कागजात सहित बस ड्राइवर व अटेंडेंट का होना आवश्यक है। डीसी निशांत कुमार यादव ने बसों की जांच के लिए निर्धारित स्थानों की जानकारी देते हुए बताया कि गुरूग्राम शहर में लघु सचिवालय की पार्किंग, लेजर वैली ग्राउंड सहित ताऊ देवीलाल स्टेडियम की पार्किंग को जांच स्थल बनाया गया हैं। इसी प्रकार पटौदी उपमंडल की स्कूल बसों को एचएसवीपी सेक्टर एक व सोहना उपमंडल में ताऊ देवीलाल स्टेडियम में प्रातः 9 बजे से शाम 4 बजे तक समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर किन्ही कारणों से किसी स्कूल के पास जांच अभियान की सूचना नही पहुँची है तो स्कूल प्रबंधन इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी से संर्पक कर अपना जांच शेडूएल पता कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस जांच अभियान में यदि कोई स्कूल सहयोग नही करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

डीसी ने कहा कि शनिवार और रविवार को शेड्यूल बनाकर जिला में जिन पांच स्थानों पर स्कूल बसों की चेकिंग की जाएगी। इसके लिए उच्च स्तर पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गयी है। जिनमें एसडीएम, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त, सीईओ जिला परिषद, आरटीए सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, ट्रैफिक पुलिस, हरियाणा रोडवेज व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिला के गांवों और शहरों में प्राइवेट स्कूलों में करीब 2600 स्कूल बसें हैं। इन स्कूल बसों के अलावा अभिभावक अपने स्तर पर जिन प्राइवेट वाहनों में बच्चों को भेजते हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संबधिक प्राइवेट स्कूल प्रबंधन की रहेगी। जिला का एक भी बच्चा असुरक्षित वाहन में घर से स्कूल तक का सफर नहीं करेगा।

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