-कमलेश भारतीय योग गुरु बाबा रामदेव , पतंजलि आयुर्वेद पर सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने के बावजूद जालसाजी का केस चलाने की बात कही है । यह भी कहा कि बाबा रामदेव व उनके सहयोगी बालकृष्ण ने कोर्ट में झूठ बोला और माफी सिर्फ जुबानी मांगी है । इसलिए जालसाजी करने का केस चलेगा । यह कड़ी फटकार सुप्रीम कोर्ट ने लगाते कहा कि आपने हर सीमा लांघी है और कोर्ट के आदेशों की अवमानना की है । यहां तक कि रोक लगाये जाने के बावजूद मीडिया में गये और विज्ञापन प्रकाशित करने बंद नहीं किये । आप देशसेवा का बहाना न बनाइये । बाबा रामदेव को हाथ जोड़कर माफी मांगनी पड़ी । सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल भी किया कि कोरोना से बचने के लिए पतंजलि के झूठे दावों पर केंद्र ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की ? अब कोई नहीं कहता कि कोई भी कोर्ट से ऊपर नहीं । बाबा रामदेव, पतंजलि और बालकृष्ण भी कोर्ट से ऊपर नहीं हैं । थोड़े से सालों के भीतर बाबा रामदेव योग गुरु के रूप में देश विदेश में खूब लोकप्रिय हो गये और फिर पतंजलि आयुर्वेद से दवाइयां भी बनाने लगे, यहां तक कि शहर शहर इनके शो रूम भी खुलते गये । इससे पहले एक बार मैगी नूडल्स को लेकर भी विवाद में आ गये थे। प्राकृतिक अनाज से नूडल्स तक का सफर एक प्रकार से बाबा से उद्योगपति में बदलने के सफर जैसा रहा और वे टीवी शोज में कहते थे कि पतंजलि का टर्न ओवर दस हज़ार करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है। जो सिर्फ योग से लोगों के रोग भगाने निकले थे, वे क्या से क्या बनते चले गये ! यह एक बाबा से उद्योगपति का सफर और हज़ारों करोड़ों रुपये के टर्न ओवर के सपने देखने वाले बाबा को सुप्रीम कोर्ट ने सही फटकार लगाते कहा है कि आपको पता लगना चाहिए कि कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का क्या नतीजा है ! अपनी सीमाओं और क्षमताओं से बहुत आगे निकल जाने की कोशिश करने वालों के लिए भी यह कार्यवाही किसी सबक से कम नहीं !-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075 Post navigation केजरीवाल : कहां से कहां तक आ गये ……… शुरू होनी चाहिए पर्यावरणीय मुद्दों को मुख्यधारा में लाने की चुनावी प्रथाएं