गुडग़ांव,  1 अप्रैल (अशोक): चैक बाउंस के मामले ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सीमा की अदालत ने दोषी करार दिए गए आरोपी को सोमवार को 6 माह की कैद व 20 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुना दी है। अदालत ने गत सप्ताह आरोपी डा. राजवीर को दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने अब सुना दिया है।

पीडि़ता प्रीति यादव की अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुग्राम के डा. राजवीर ने फरवरी 2016 में प्रीति से अपने बच्चों की मेडिकल की पढ़ाई के लिए 10 लाख रुपए उधार लिए थे और 10 लाख रुपए का चैक प्रीति को दे दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि जब प्रीति ने बैंक में चैक क्लीयर करने के लिए डाला तो वह बाउंस हो गया। प्रीति ने इसकी शिकायत डा. राजवीर से भी की, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया, जिस पर पीडि़ता को अदालत की शरण लेनी पड़ी।

अदालत में चैक बाउंस मामले में सुनवाई चली। अदालत में उसके द्वारा जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे चैक बाउंस के आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जो अदालत ने सोमवार को सुना दिया है। गौरतलब है कि चैक बाउंस के एक और मामले में दोषी डा. राजवीर को स्थानीय अदालत पहले ही 6 माह कैद व 15 लाख रूपए जुर्माने की सजा सुना चुकी है।  

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