साल 2012 के शिक्षित बेरोजगार 58.9 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में हुए 65.7 प्रतिशत

भारत रोजगार रिपोर्ट : 2024 से हुआ खुलासा, देश के बेरोजगारों में 83 प्रतिशत युवा

चंडीगढ़, 29 मार्च।  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा की मोदी सरकार 10 साल के दौरान पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह से विफल रही है। देश के कुल बेरोजगारों में 83 प्रतिशत संख्या युवाओं की है। जबकि, इसमें शिक्षित बेरोजगारों की संख्या साल 2022 में ही बढकर 65.7 प्रतिशत पहुंच चुकी है, जो 2012 में 58.9 प्रतिशत थे। इससे पता चलता है कि हर साल 02 करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा सिर्फ जुमला ही था।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि पढ़-लिखने के बावजूद रोजगार न मिलने का खुलासा भारत रोजगार रिपोर्ट : 2024 से होता है। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन व मानव विकास संस्थान की ओर से देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने जारी की है। रिपोर्ट जारी करते हुए नागेश्वरन ने स्वीकार किया कि सरकार बेरोजगारी जैसी सभी सामाजिक व आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नागेश्वरन के बयान के बाद अब कुछ भी उम्मीद मोदी सरकार से करना बेमानी है। यह सरकार सिर्फ झूठ और प्रपंच के दम पर बेरोजगार शिक्षित युवाओं को भ्रमित करती रही है। अब आम चुनाव में रोजगार के मामले में ये फिर से जुमलों पर उतारू होंगे, जिसे मतदाताओं खास तौर पर युवाओं को पहचानना होगा। उन्हें देखना होगा कि भाजपा कभी भी उनका भला नहीं कर सकती, न ही पढने-लिखने के बावजूद रोजगार दे सकती है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि जिस देश में 83 प्रतिशत युवाओं के हाथ में कोई काम न हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश किस और जा रहा है। बेरोजगारी की यह समस्या आने वाले दिनों में कितना विकराल रूप धारण कर लेगी, यह सोचने का केंद्र सरकार के पास कोई समय ही नहीं है। प्रधानमंत्री के पास बेरोजगारी घटाने का कोई रोडमैप और योजना नहीं है। इन्हें युवाओं को सिर्फ असल मुद्दे से भटकाने की कला बखूबी आती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पढ़-लिख कर महज 34.3 प्रतिशत युवाओं को ही रोजगार मिल रहा है। इसमें विदेशों में रोजगार पाने वाले भी शामिल हैं। विदेशों में रोजगार हासिल करने वालों की संख्या को इसमें से घटा दें तो यह आंकड़ा और भी चौंकाने वाला हो सकता है। इसलिए अब युवाओं को इनके झांसे में आने की जरूरत नहीं है। युवाओं के लिए रोजगार का इंतजाम सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है।

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