गुरुग्राम, 23 मार्च। रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शी कामकाज और जीरो टॉलरेंस दृष्टिकोण की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए, हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) गुरुग्राम, ने शहर के कई रियल एस्टेट प्रमोटरों की सुरक्षा राशि जब्त कर ली। आरसी-पंजीकरण प्रमाण पत्र (Registration Certificate) की शर्तों का अनुपालन न करने के कारण यह राशि जब्त की गई है। प्राधिकरण ने कहा कि इन प्रमोटरों को सशर्त परियोजना पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) जारी किए गए थे, लेकिन वे निर्धारित समय के भीतर शर्तों को पूरा करने में विफल रहे, जो उल्लंघन है और इसलिए उनकी सुरक्षा राशि जब्त कर ली गई है। “पंजीकरण प्रमाणपत्र की शर्तों के अनुसार आवश्यक दस्तावेजों को समय पर जमा करने का आदेश दिया गए। लेकिन प्रमोटर इन निर्धारित समय के भीतर आवश्यक दस्तावेज जमा करने में विफल रहे अतः प्रमोटरों द्वारा जमा की गई सुरक्षा राशि को जब्त किया जा रहा है,” प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा। प्राधिकरण की कार्रवाई ऐसे बीस प्रमोटरों के खिलाफ हुई है और उनकी सामूहिक सुरक्षा जमा राशि 7 करोड़ रुपये है। जारी आदेश के तहत “इन प्रमोटरों को उनके स्वयं के अनुरोध पर सशर्त पंजीकरण की अनुमति दी गई थी और उन्होंने अपेक्षित मंजूरी जमा करने के बदले में सुरक्षा राशि जमा की थी, जिसका उन्हें सशर्त पंजीकरण में निर्दिष्ट समय के भीतर अनिवार्य रूप से पालन करना स्वीकार किया था। पंजीकरण प्रमाणपत्रों में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि यदि शर्तों में उल्लिखित निर्धारित समय अवधि के भीतर प्रमोटरों द्वारा संबंधित शर्तों को पूरा नहीं किया जायेगा तो सुरक्षा राशि जब्त कर ली जाएगी। गौरतलब है कि पिछले एक साल और उससे अधिक समय में कई सुनवाई के बाद प्राधिकरण ने कार्रवाई की। प्रमोटरों ने अधिनियम 2016 की धारा 4 के तहत अपनी व्यक्तिगत परियोजनाओं के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था और उचित विचार-विमर्श के बाद प्राधिकरण ने उन्हें सशर्त आरसी प्रदान की। प्राधिकरण ने कहा, “यह ध्यान देने योग्य है कि अधिनियम 2016 प्रमोटरों के लिए प्राधिकरण से आरसी प्राप्त करना अनिवार्य बनाता है, जिसके बिना प्रमोटर विज्ञापन नहीं कर सकते हैं और बुकिंग निष्पादित नहीं कर सकते हैं।” प्राधिकरण यह सुनिश्चित करता है कि बेहतर और पारदर्शी कार्यप्रणाली के लिए प्रत्येक हितधारक एक्ट, 2016 का अनुपालन करे। Post navigation लोकसभा चुनाव के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर अलग-अलग जिम्मेवारियां सौंपी उपायुक्त ने ….. अब प्रशासन, स्कूल या फिर कोर्ट किसकी होगी परीक्षा !