वरिष्ठ नागरिकों ने होली पर अपनी मंगेतर को याद किया। हिसार । मार्च 23 – वरिष्ठ नागरिकों की संस्था वानप्रस्थ में होली मिलन समारोह आज उत्साह और उमंग के साथ धूम धड़ाके से मनाया गया। होली के गीतों, नृत्यों, कविताओं और होली पर सामान्य ज्ञान की तंबोला प्रतियोगिता के माध्यम से लगभग तीन घंटे तक चले कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिकों ने खूब धमाल किया। डॉ देविना ठकराल ने दोहे पर दोहे सुना कर एक प्रस्तुति को दूसरी से जोड़ते हुए रोचक ढंग से कार्यक्रम का संचालन किया कार्यक्रम का एक आकर्षण वरिष्ठ नागरिकों के पचास साठ साल पहले मंगेतर के रूप में प्रियतमा के प्रति उनकी प्रेम अभिव्यक्ति की एक व्यंग्य प्रस्तुति रही जिसे दूरदर्शन के पूर्व निदेशक अजीत सिंह ने पेश किया और सभी ने …मेरी मेरी… कहकर साथ दिया। एक बानगी देखिए: किसकी मंगेतर चांद का टुकड़ा, मेरी मेरी..किसकी मंगेतर छम्मक छल्लो, मेरी मेरी… यह क्रम लंबा चला जिसमें मुखड़े के तौर पर छेड़छाड़ भरे बोल थे और श्रोताओं का बस एक ही उत्तर था, मेरी मेरी… किस की मंगेतर छुई मुई..किसकी मंगेतर चटको मटको …किसकी मंगेतर सुरमेदानी…किसकी मंगेतर नखरे वाली…किस की मंगेतर पहने प्लाजो..किसकी मंगेतर फुलवारी सी…. मुखड़े में छुपे इशारे समझते हुए श्रोताओं का बस एक ही उत्तर था……… मेरी मेरी,मेरी मेरी…. प्रदेश की जानी मानी कोरियोग्राफर राजरानी मल्हान ने होली गीत पर बड़ी प्रभावी नृत्य प्रस्तुति दी… होलिया में उड़े रे गुलाल,कहियो रे मंगेतर से… प्रो सुरजीत जैन ने रंग बरसे भीगे चुनर वाली… गीत के साथ माहौल को गर्मा दिया। पूर्व ज़िला शिक्षा अधिकारी एस पी चौधरी ने होली के रंगों को तिरंगे के साथ जोड़ते हुए एक कविता प्रस्तुत की। डा: कमलेश कुकडेजा, कमला सैनी, श्यामा गोसाईं, वीणा अग्रवाल, व प्रेम केडिया ने विभिन्न होली गीतों की प्रस्तुति दी। सुनीता मेहतानी ने होली तंबोला आयोजित किया। एक कुशल नृत्यांगना के रूप में राजरानी मल्हान ने अरे जा रे हट नटखट …. गीत पर सुंदर प्रस्तुति दी। प्रो नीलम परुथी व कौशल जैन ने कार्यक्रम में आने वाले हर सदस्य का स्वागत माथे पर गुलाल का टीका लगाकर किया। अन्त में फूलों की होली खेली गई और महिला सदस्यों ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। चलते चलते राजरानी मल्हान और प्रो राजपाल खरब ने हरियाणा में होली फाग की कोरड़े रस्म का प्रदर्शन भी किया। वानप्रस्थ संस्था के महासचिव डा जे के डांग ने सभी प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों से वरिष्ठ नागरिकों में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। Post navigation मेरी माटी, मेरा देश…. चुनाव जीतने के लिए भाजपा अपना रही ओच्छे हथकंडे : लाल बहादुर खोवाल