लांग लाइफ कम्पनी में बॉयलर डस्ट कलेक्टर हादसे पर ए आई यू टी यू सी का मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन ……

मैनेजमेंट एवम् ठेकेदार के खिलाफ 304 ए की बजाय 304 पार्ट 11 का मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया और जांच से पहले दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं जा रहा है?

गुड़गांव : 18 मार्च, 2024 – लांग लाइफ कम्पनी में बॉयलर डस्ट कलेक्टर फटने से शार्ट सर्किट से हुए दर्दनाक हादसे पर मुख्यमंत्री द्वारा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश पर केंद्रीय श्रमिक संगठन — ए आई यू टी यू सी के राज्य प्रधान एवम आल इंडिया वर्किंग कमेटी के सदस्य कामरेड राजेन्द्र सिंह अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री के नाम भेजे एक ज्ञापन में निम्न बिंदु जांच में शामिल किए जाने की मांग की है:-

1.मजिस्ट्रेट जांच में स्थानीय लांग लाइफ कंपनी के श्रमिकों एवम् 10 बड़ी ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। इन सबकी हाजरी में जांच हो ताकि निष्पक्ष जांच की गारंटी हो सके और जांच की समय सीमा भी निर्धारित की जाए।

2.लांग लाइफ कंपनी में इससे पहले दो बार बायलर फट चुका है। कंपनी द्वारा पहले दो बार की गई घोर लापरवाही के खिलाफ श्रम विभाग ने क्या कदम उठाए? कदम उठाए या नहीं, इस बारे जांच हो।

3.कंपनी में सुरक्षा उपकरण क्यों नहीं लगाए गए और सुरक्षा उपकरण ना होने से श्रम विभाग ने क्या कार्रवाई कंपनी के खिलाफ की। सुरक्षा उपकरण अगर लगे हुए थे तो उनकी क्या कंडीशन थी।

4.बायलर फटने से आपातकालीन दरवाजा क्यों नहीं खुला या खोला क्यों नहीं गया।

5.सुरक्षा कर्मी और अधिकारी मौके पर क्यों नहीं थे और अगर मौका पर हाजिर थे तो क्या कार्रवाई अमल में लाई गई।

6.वर्मा हॉस्पिटल धारुहेड़ा के साथ कंपनी का अनुबंध है । परंतु अनुबंध होने के वावजूद बर्न वार्ड वर्मा हॉस्पिटल में क्यों नहीं है।

7.बॉयलर फटने से शार्ट सर्किट के कारण लगी आग का कारण बताया जा रहा है। परंतु खतरे को भांपते हुए बिजली के तारों को इंसुलेटेड पहले से क्यों नहीं करवाया गया था।

8.मैनेजमेंट एवम् ठेकेदार के खिलाफ 304 ए की बजाय 304 पार्ट 11 का मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया और जांच से पहले दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं जा रहा है।

कामरेड राजेन्द्र सिंह ने कहा कि उपरोक्त बिंदु भी जांच में शामिल किए जाएं और घायल श्रमिकों को तुरंत मुआवजा भी दिया जाए।

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