पेट्रोलियम रेट में कमी, इलेक्टोरल बॉन्ड, और भाजपा का रोल 

इलेक्टोरल बॉन्ड भारत में लोकतंत्र के इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार

लॉटरी के पैसे से अपने राजनीतिक भाग्य को संवारती भाजपा

पैसे से चमकने वाले पूरे देश को विकास की गारंटी देते फिर रहे 

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम / पटौदी 16 मार्च ।  सभी जानते हैं कि देश को आजाद कराने में कांग्रेस पार्टी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है । महात्मा गांधी के नेतृत्व में अहिंसा और असहयोग के बल पर देश के जनमानस ने जो आजादी अंग्रेजों से छीनी थी, वह आज भी पूरे विश्व के लिए एक मिसाल है। भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, प्रथम राष्ट्रपति  राजेंद्र प्रसाद और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में बना हमारा संविधान हर भारतीयों को बराबरी का अधिकार देता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपनी नाकामी को छुपाने के लिए विश्व में अपने उत्कृष्ट कामों के लिए ख्याति पाने वाले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को भी नाकाबिल घोषित करवा दिया। यह तल्ख टिप्पणी कांग्रेस नेत्री एवं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एसबीआई को लगाई गई फटकार पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही है।

उन्होंने कहा इलेक्टोरल बॉन्ड से अभी तक उपलब्ध जानकारियों का विश्लेषण, पूरे देश को हतप्रभ कर चुका है । हमारे प्रधानमंत्री देश में घूम-घूम कर नए-नए जुमले जनता को देते रहते हैं । देश को विकास की गारंटी का जुमला देने वाले प्रधानमंत्री खुद अपने राजनीतिक भाग्य को लॉटरी के पैसे से चमकाने में लगे हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड भारतवर्ष  में लोकतंत्र के  इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का नमूना है।  जिसे पेट्रोल डीजल के मूल्य में दो रुपल्ली की कटौती कर सरकार जनमानस की सोच में लगी आग को नहीं बुझ पाएगी। उन्होंने कहा 2004 में जब मनमोहन सिंह  के नेतृत्व में यूपीए की पहली सरकार बनी थी तो 2005 में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा  सोनिया गांधी के सुपरविजन में कांग्रेस सरकार के द्वारा देश के लोकतंत्र को और मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए जनता के लिए आर टी आई का कानून लाया गया था।  इस कानून से हर भारतवासी को सरकारी अधिकारियों के काम का लेखा जोखा लेने का अधिकार मिल गया था।

कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा दूसरी तरफ 2014 से जब मोदी सरकार सत्ता में आई है  वो हर दिन लोकतंत्र को कमजोर करने के नए नए नायाब तरीके ईजाद करते रहती है। मनी बिल के साथ इलेक्टोरल बॉन्ड को संसद से बिना चर्चा के पारित करवाना लोकतंत्र पे बहुत बड़ा आघात था । लगभग 7 साल की लड़ाई के बाद जब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ल बॉन्ड को और संवैधानिक घोषित किया । तो माननीय मुख्य न्यायाधीश माननीय चंद्रचूड़ ने राइट टू इनफार्मेशन एक्ट जो एक मौलिक अधिकार बन चुका है, का हवाला दिया । रामचंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा । चंदा लेकर ,  धंधा देने , चंदा मामू आएगा। 

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