— हरियाणा कांग्रेस की राजनीति vs परिवारवाद या वंशवाद एक कलंक

— हरियाणा में कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ता की बजाए नेताओ और उनके बेटो या बेटियो की पार्टी बनती जा रही हैं

— हरियाणा कांग्रेस में परिवारवाद को इतना बढ़ावा क्यों दिया जा रहा हैं

रोहतक – हरियाणा में राजनीति किस तरफ जा रही हैं समझ से परे हैं हरियाणा में राजनीतिक पार्टियों में परिवारवाद और वंशवाद का बढ़ता प्रचलन पार्टी के कार्यकर्ताओ के लिए खतरनाक हैं

बात हरियाणा कांग्रेस की करे तो बाबू – बेटो बेटी के लिहाज से हरियाणा कांग्रेस की राजनीति परिवारवाद और वंशवाद से दूर होती नजर नहीं आ रही हरियाणा की कांग्रेस की राजनीति कुछ ही परिवारों के ईर्द गिर्द घूमती हैं

हरियाणा कांग्रेस पुत्रो के मोह में उन मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओ को भूल जाती हैं जो दिन रात मेहनत करते हैं

हरियाणा कांग्रेस में परिवारवाद और वंशवाद में सबसे बड़ा न. हुड्डा परिवार का हैं जिसने अपने पुत्र मोह में कांग्रेस को नेताओ से खाली कर दिया क्योंकि पूर्व सीएम हुड्डा ने अपने बेटे दीपेंद्र को ही हरियाणा कांग्रेस का पितामह बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी, उसके लिए हुड्डा ने दूसरे नेताओ की बलि लेने में भी झिझक महसूस नही की जिसके चलते अधिकतर मेहनत करने वाले नेता कांग्रेस छोड़ते चले गए

हुड्डा ने अपने लिए पहले किलोई हल्के से कृष्ण हुड्डा की राजनैतिक बलि ली, फिर राज्यसभा सीट के लिए कुमारी शैलजा की बलि ली, अब रोहतक लोकसभा के लिए कांग्रेस के दावेदार बने हुए हैं और आगे आने वाले विधानसभा में कांग्रेस सीएम की दावेदारी सोशल मीडिया पर देखी जा सकती हैं

अब बारी आती हैं भिवानी से किरण चौधरी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी की जहा पर मां – बेटी कांग्रेस की राजनीति करके परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा दे रही हैं इसके साथ ही रेवाड़ी जिला भी परिवारवाद से अछूता नहीं हैं रेवाड़ी में कैप्टन अजय यादव अपने विधायक बेटे चिरंजीव राव के साथ कांग्रेस की राजनीति करके परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा दे रहे हैं

जींद जिले के उचाना वाले बिरेंद्र सिंह और सांसद बृजेंद्र सिंह बाबू बेटे भी परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति करते हैं वही अंबाला जिले की राजनीति में पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा भी कांग्रेस की राजनीति में परिवारवाद को बढ़ा रही हैं वही करनाल में कुलदीप शर्मा और चाणक्य पंडित कांग्रेस की राजनीति में परिवारवाद को बढ़ा रहे हैं

हरियाणा कांग्रेस में परिवारवाद और वंशवाद नई बात नही हैं लेकिन विचार करने योग्य बात ये हैं की जो कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता पार्टी के लिए मेहनत कर रहे हैं क्या वे सिर्फ यही तक सीमित होकर रह जाएंगे क्योंकि हरियाणा कांग्रेस की परिवार वाद की राजनीति पार्टी को खत्म कर रही हैं

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