सड़कों व गड्ढो से जान गंवाने वालों के परिजनों को दें 50-50 लाख रुपये सहायता राशि चार साल तक सड़कों को दुरुस्त करने में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने नहीं दिखाई दिलचस्पी चंडीगढ़,9 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में टूटी सड़कों व गड्ढों के कारण होने वाली हर मौत की जिम्मेदारी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार है। प्रत्येक मौत पर हत्या की धारा लगाते हुए इसके लिए जिम्मेदार अफसरों व सरकार में बैठे लोगों पर केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही साल टूटी सड़कों व गड्ढों के कारण जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की सहायता राशि दी जानी चाहिए। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि पिछले 14 महीने के दौरान प्रदेश में टूटी सड़कों व गड्ढों के कारण 50 से अधिक मौत हो चुकी हैं। कितनी ही बार आरोपियों को बचाने के लिए इन मौत के लिए जिम्मेदार विभाग व उसके अफसरों के खिलाफ पुलिस में केस तक दर्ज नहीं किया जाता। मृतक के परिजन कुछ दिन धक्के खाकर सरकारी सिस्टम से तंग आकर थक कर घर बैठ जाते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जारी रिपोर्ट चौंकाने से पता चलता है कि साल 2022 में टूटी सड़कों व गड्ढों की वजह से प्रदेश में 130 सड़क दुर्घटनाएं हुई। इनमें गड्ढों के कारण हुई सड़क दुर्घटनाओं में 47 लोगों की जान चली गई। जबकि, लोग वाहन खरीदते समय रोड टैक्स देते हैं और फिर जब सड़क पर गाड़ी चलाते हैं तो जगह-जगह टोल टैक्स देते हैं। ऐसे में सड़कों को दुरुस्त व गड्ढा मुक्त रखने की जिम्मेदारी सरकार व सड़क की मलकियत वाले महकमे की रहती है। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण व शहरी इलाकों की हालत किसी से छिपी नहीं है। गांवों अप्रोच रोड व शहरों के अंदरूनी रोड एक जैसे हैं। इन पर सड़क कम, गड्ढे ज्यादा हैं। प्रदेश सरकार ने 2019 से लेकर अक्टूबर 2023 तक इन सड़कों के निर्माण पर एक भी रुपया खर्च नहीं किया। वहीं, सड़क सुरक्षा के नाम पर खर्च हो रही राशि में भी बड़ा गोलमाल किया है, अन्यथा सड़क हादसों में बढ़ोतरी न होती। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 में हरियाणा में हुए सड़क हादसों में हुई मौतों के मुकाबले साल 2022 में 4.44 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। साल 2022 में 4915 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में हुई, जबकि 2021 में 4706 लोगों की मौत हुई थी। सड़क दुर्घटनाओं में 1231 पैदल यात्रियों व 190 साइकिल सवारों की मौत से स्पष्ट है कि सरकार ने मौतों का आंकड़ा कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। बजट को सिर्फ फाइलों में ही खर्च कर दिया। Post navigation क्या भारत में अब कांग्रेस के लिए अलग कानून है और अन्य लोगों के लिए अलग कानून ? विद्रोही हरियाणा कांग्रेस में कौन कौन से बाबू – बेटे बेटी राजनीति में सक्रिय हैं …….