इस फैसले के बाद दलबदल, लालच, लूट-खसोट की राजनीति में कुछ तो अंकुश जरूर लगेगा : विद्रोही

इस फैसले के बाद राजनीतिक दल पैसा व प्रलोभन लेकर पार्टी लाईन से हटकर वोट देने वाले सांसदों व विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार व रिश्वत लेने का आरोप पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाकर ऐसे दलबदलू व लालची सांसदों-विधायकों को सबक सिखाने में सफल हो सकते है : विद्रोही

05 मार्च 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने नोट फार वोट को अपराध बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सांसदों व विधायकों के दलबदल, खरीद-फरोख्त को रोकने को बडा कदम बताया। विद्रोही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय संविधान पीठ ने 1998 के सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सांसदों व विधायकों को संसद व विधानसभा में रिश्वत लेकर वोट देने की जो सुरक्षा दी थी, अब उस सुरक्षा को सात सदस्यीय संविधान पीठ ने खत्म करके पैसा लेकर संसद व विधानसभा में वोट देने, किसी के खिलाफ भाषण देने को अपराध करार दिया। अब इस फैसले के बाद राजनीतिक दल पैसा व प्रलोभन लेकर पार्टी लाईन से हटकर वोट देने वाले सांसदों व विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार व रिश्वत लेने का आरोप पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाकर ऐसे दलबदलू व लालची सांसदों-विधायकों को सबक सिखाने में सफल हो सकते है।

विद्रोही ने कहा कि आज के दौर में यह निर्णय और भी इसलिए महत्वपूर्ण है कि जिस तरह मोदी-भाजपा सरकार सत्ता बल, धन बल से जनादेश के विपरित विधायकों कीे खरीद-फरोख्त करके विगत दस सालों से जबरदस्ती 9 भाजपा सरकारे विभिन्न राज्यों में बनाने का पाप किया है, उन पापों पर अब रोक लगाने के लिए एक हथियार तो मिला है। विगत दस सालों में अपने अपार काले धन से जिस तरह मोदी-भाजपा ने देशभर में 450 से ज्यादा विधायकों व 50 से ज्यादा सांसदों को खरीदा, उससे भारत की पूरी राजनीति प्रदूषित होकर व्यापार बन चुकी है। विद्रोही ने कहा कि अब सांसदों व विधायकों में पैसा लेकर पार्टी के खिलाफ वोट देने वाले जनप्रतिनिधियों में डर पैदा होगा और यदि राजनीतिक दल गंभीरता से उसका पर्दाफाश करने का प्रयास करेंगे तो ऐसेे सांसदों-विधायकों को कानून अनुसार दंडित करवाने में भी सफलता मिलेगी। विद्रोही ने कहा कि इस फैसले के बाद दलबदल, लालच, लूट-खसोट की राजनीति में कुछ तो अंकुश जरूर लगेगा।

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