प्रदेश के किसान की आय कम और खर्च बहुत ज्यादा है: अभय सिंह चौटाला

कहा – एचएयू ने इस रिपोर्ट को अपनी अधिकारिक मैगजीन ‘हरियाणा खेती’ के फरवरी अंक में भी छापा है जिससे इसकी प्रमाणिकता पर कोई संदेह नहीं रह जाता

रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के औसतन किसान परिवार पर हर साल 1,31,626 रूपए का कर्ज चढ़ रहा है

किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें घाटे से उबारने के लिए फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी बेहद जरूरी है जिसका वादा भी प्रधानमंत्री ने किया था

चंडीगढ़, 1 मार्च। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा के राज में अन्नदाता सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण खाद, बीज, कीड़े मार दवाईयां, डीजल, कृषि उपकरण और खेत मजदूरी अधिक महंगी हो जाने से खेती करना पूरी तरह से घाटे का सौदा बन गया है। आज हालात यह हैं कि देश और प्रदेश के ज्यादातर किसान कर्जे में डूबे हुए हैं।

किसानों की कितनी दयनीय हालात है इसपर चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, ने किसानों की वास्तविक स्थिति पर विश्वविद्यालय के कृषि अर्थशास्त्री डॉ. विनय मेहला की एक रिपोर्ट जारी की है जिसके आंकड़े चौंकाने वाले और बेहद चिंतनीय हैं। एचएयू ने इस रिपोर्ट को अपनी अधिकारिक मैगजीन ‘हरियाणा खेती’ के फरवरी अंक में भी छापा है जिससे इसकी प्रमाणिकता पर कोई संदेह नहीं रह जाता। डॉ. मेहला की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के औसतन किसान परिवार पर हर साल 1,31,626 रूपए का कर्ज चढ़ रहा है। कृषि अर्थशास्त्री के अध्ययन के अनुसार प्रदेश के किसान का खर्च उसकी आमदनी से कहीं अधिक है। जो किसान परिवार फसलों की खेती के साथ में डेयरी करते हैं उनकी वार्षिक आय लगभग 2,48,206 रूपए है। उनका खाद्य पदार्थों और स्वास्थ्य, शिक्षा समेत जीवन निर्वहन के लिए जरूरी चीजों पर सालाना खर्च लगभग 3,79,832 रूपए आता है। अगर किसान की आय और खर्च में अंतर देखा जाए तो सालाना 1,31,626 रूपए का घाटा वहन करता है।
हमारे देश के प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया था लेकिन आज किसानों की आय घाटे में चल रही है और किसानों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें घाटे से उबारने के लिए फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी बेहद जरूरी है जिसका वादा भी प्रधानमंत्री ने किया था। 

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