बार-बार उड़ती नियमों की धज्जियां, हर बार अवैध खनन के मिलते प्रमाण

भूमिगत जल दूषित करना मानव जीवन के साथ जीव-जंतुओं की जिंदगी से भी खिलवाड़

कितनी ही बार अवैध खनन के प्रमाण भी मिले हैं, लेकिन भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने एक बार भी खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की

चंडीगढ़,01 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखड़ की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रत्येक जांच एजेंसी की रिपोर्ट में प्रदेश में बार-बार अवैध खनन का खुलासा हो रहा है। कितनी ही बार अवैध खनन के प्रमाण भी मिले हैं, लेकिन भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने एक बार भी खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इससे पता चलता है कि अवैध खनन करने वालों को सरकार में बैठे लोगों की पूरी शह है। अवैध खनन से चरखी दादरी में भूमिगत जल दूषित करने से मानव जीवन के साथ ही जीव-जंतुओं को भी नुकसान पहुंचने की आशंका बनी हुई है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि टास्क फोर्स की रिपोर्ट से खुलासा होता है कि रामलवास व मानकावास में तीन स्थानों पर नियमों को ताक पर रखते हुए अत्यधिक गहराई तक खनन किया गया है। इससे भूमिगत जल भी बाहर आने लगा है। ब्लास्ट व खुदाई के चलते भूमिगत जल दूषित हो रहा है। लेकिन, अभी तक सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है व दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी शुरू नहीं की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब अवैध खनन की पोल खोलती कोई रिपोर्ट आई हो। ऐसी रिपोर्ट बार-बार सामने आती हैं, लेकिन मिलीभगत के कारण गठबंधन सरकार में बैठे लोग इन्हें दबा देते हैं और किसी के भी खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने देते। यमुनानगर, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी आदि जिलों में कितनी ही बार अवैध खनन के खुलासे हो चुके हैं। बाकायदा एनजीटी भी क्रेशरों व खनन कंपनियों पर भारी-भरकम जुर्माने लगा चुका है। इसके बावजूद गठबंधन सरकार ने आज तक नियमों की पालना कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले साल एनजीटी ने महेंद्रगढ़ व दादरी जिले के क्रेशरों पर 70 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना लगाया, जबकि सरकार के ईशारे पर जिला प्रशासन ने एनजीटी को गलत रिपोर्ट देकर गुमराह किया। ताकि, अवैध खनन और फिर इसकी क्रशिंग का सिलसिला बिना रोकटोक चलता रहे। इससे पहले एनजीटी ने यमुनानगर में खनन कार्य में जुटी तीन कंपनियों पर 18.7 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया था। उसी दौरान महेंद्रगढ़ में खनन कार्य में जुटी बखरीजा माइंस पर 03 करोड़ रुपये जुर्माना अलग से लगाया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी बीच डाडम में नियमों के विपरित खनन करने पर दो ठेकेदारों पर 66 करोड़ रुपये जुर्माना भी एनजीटी लगा चुकी है। लेकिन, भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार डाडम का पहाड़ गिरने से पांच लोगों की जान जाने पर भी खनन कंपनी व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने से बचती ही नजर आई थी। गठबंधन सरकार की खनन माफिया के साथ मिलीभगत नहीं है तो फिर भूमिगत जल दूषित करने के आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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