भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुग्राम रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों का शिलान्यास किया। गुरुग्राम में इस कार्यक्रम के संचालन का भार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत पर रहा। इस कार्यक्रम में राव इंद्रजीत के साथ उनके अपने समर्थक पूर्व विधायक बिमला चौधरी, पूर्व मेयर मधु आजाद उपस्थित थे। इनके अतिरिक्त रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य डीपी गोयल, रेलवे के मैंबर प्रवीन कुमार, आरके कश्यप, चीफ प्रोजैक्ट मैनेजर डीके सिंह, सीनियर डीजीएम पारस चंद और नगर निगम के संयुक्त अखिलेश यादव उपस्थित रहे। अर्थात बिमला चौधरी और मधु आजाद को छोड़ दें तो बाकी सब अपनी ड्यूटी की पूर्ति कर रहे थे।

कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का था और उसमें भाजपा की गुरुग्राम के कार्यकर्ताओं कमी स्पष्ट अखरती रही। हां, भाजपा के गुरुग्राम से विधायक सुधीर सिंगला जरूर उस कार्यक्रम में थे।

प्रश्न यह उठता है कि विधायक जी ही क्या मोदी के मन क्रम से अनुयायी हैं, जो वह विधानसभा का सत्र चल रहा था, उसे छोडक़र इस कार्यक्रम में उपस्थित थे, जबकि कल मुख्यमंत्री के किसी कार्यक्रम में वह दिखाई नहीं दिए और कल तो रविवार था, सत्र भी नहीं चल रहा था।

इसको क्या सोचा जाए कि भाजपा कार्यकर्ता राव इंद्रजीत से दूरी बनाने के लिए इस कार्यक्रम में नहीं गए या उनके नरेंद्र मोदी के प्रति श्रद्धा और विश्वास में कमी आ गई? क्या श्रद्धा-विश्वास से बड़ी नफरत है? इसी प्रकार के सवाल आम लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।

16 तारीख को रेवाड़ी एम्स के उद्घाटन में भी राव इंद्रजीत सिंह और मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा के सभी सांसद और विधायकों के प्रयास के बावजूद अपेक्षित जनसमुदाय एकत्र नहीं हो पाया था। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने तो यह भी बताया कि मुख्यमंत्री में बगल जो वीआइपी मंच लगा था, उस पर भी लोग कार्यक्रम समाप्त होने से पूर्व ही निकल गए थे। तो इन बातों से प्रश्न उठना स्वाभाविक है क्या मोदी की लोकप्रियता समाप्ति पर?