6 सप्ताह बाद केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित नोटिफिकेशन से प्रारंभ होगा बराला का 6 वर्ष कार्यकाल — एडवोकेट राज्यसभा सांसद के तौर पर मिलने वाला वेतन-भत्ते और अन्य सुविधाएं भी 3 अप्रैल 2024 से ही मिलनी होंगी आरम्भ जिस राज्यसभा सीट के सम्बन्ध में बराला का हुआ है निर्वाचन, उस सीट से वर्तमान सांसद डॉ. डी.पी. वत्स का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक है शेष चंडीगढ़ – भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनावों की कड़ी में हरियाणा से आगामी अप्रैल माह में रिक्त होने वाली एक नियमित सीट के सम्बन्ध में ताज़ा निर्वाचन के लिए हरियाणा से नामांकन भरने वाले एकमात्र उम्मीदवार प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष चन्द्र बराला को मंगलवार 20 फरवरी को ही इस चुनाव के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा नामित रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) डॉ. साकेत कुमार, जो हरियाणा कैडर के 2005 बैच के आईएएस अधिकारी है, द्वारा निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया और उन्हें निर्वाचन प्रमाण पत्र (इलेक्शन सर्टिफिकेट) भी प्रदान कर दिया गया. इसी बीच राजनीतिक और प्रशासनिक-कानूनी गलियारों में चर्चा है कि क्या सुभाष बराला, जिन्हें मंगलवार 20 फरवरी को ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नायब सैनी की अध्यक्षता में गठित प्रदेश चुनाव समिति में भी शामिल किया गया है जिसमें उनके नाम के समक्ष हालांकि राज्यसभा सांसद का उल्लेख न होकर बल्कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लिखा गया है, तो क्या बराला तत्काल प्रभाव से राज्यसभा सांसद बन गये हैं अथवा नहीं ? इस सम्बन्ध में एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण कानूनी पॉइंट बताते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि देखा जाए तो बराला का ताज़ा निर्वाचन फिलहाल एक प्रकार से पोस्ट-डेटेड चेक की तरह है जो तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगा अपितु आज से ठीक छ: सप्ताह बाद से प्रभावी होगा अर्थात वास्तव में बराला 6 सप्ताह के बाद ही आधिकारिक तौर पर राज्यसभा सांसद बनेंगे. हेमंत ने बताया कि बेशक बराला को 20 फरवरी 2024 को हरियाणा से राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित कर दिया गया है और उन्हें आर.ओ. द्वारा निर्वाचन प्रमाण-पत्र भी प्रदान कर दिया गया है परन्तु इस सम्बन्ध में वांछित निर्वाचन नोटिफिकेशन अर्थात लोक प्रतिनिधित्व कानून,1951 की धारा 71 के अंतर्गत अधिसूचना आज से 6 सप्ताह बाद 3 अप्रैल 2024 को ही केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत पड़ने वाले विधायी विभाग द्वारा भारत सरकार के गजट में प्रकाशित की जायेगी एवं उपरोक्त 1951 कानून की धारा 155(1) के अंतर्गत उसी तारीख से ही बराला का 6 वर्षो का राज्यसभा कार्यकाल प्रारंभ होगा. उसी दिन से ही बराला को राज्यसभा सांसद के तौर पर मिलने वाला वेतन-भत्ते आदि और अन्य सुविधाएं मिलनी आरम्भ होंगी, उससे पहले नहीं. एडवोकेट हेमंत ने आगे बताया कि हरियाणा से राज्यसभा की पांच सीटें हैं जिन पर वर्तमान में भाजपा के डॉ. डीपी वत्स, राम चन्द्र जांगड़ा, कृष्ण लाल पंवार, कांग्रेस के दीपेन्द्र हुड्डा और निर्दलीय कार्तिक शर्मा ( जिन्होंने हालांकि जून, 2022 में निर्वाचन के बाद अपना नाम बदलकर कार्तिकेय शर्मा करने बारे राज्यसभा सचिवालय को लिखकर दिया था ) राज्यसभा सांसद हैं. ताज़ा निर्वाचित सुभाष बराला का निर्वाचन 3 अप्रैल, 2024 से रिक्त होने वाली जिस राज्यसभा सीट के लिए हुआ है, उस सीट से वर्तमान में भाजपा के मोजूदा सांसद डॉ. डी.पी. वत्स का कार्यकाल आगामी 2 अप्रैल 2024 तक शेष है एवं डॉ. वत्स का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद ही बराला की राज्यसभा सदस्यता आरम्भ होगी. बहरहाल, अगर डॉ. वत्स समयपूर्व अर्थात आगामी 2 अप्रैल से पूर्व उनकी राज्यसभा सीट से त्यागपत्र भी दे देते है, इसके बावजूद भी बराला का राज्यसभा कार्यकाल 3 अप्रैल 2024 से ही प्रारंभ होगा, उससे पहले नहीं. Post navigation सफाई कर्मचारियों के हितों पर ध्यान देकर मनोहर सरकार ने दिखा दिया है कि भाजपा ही अनुसूचित जाति की सच्ची हितैषी है : सत्य प्रकाश जरवाता हार के खौफ से शहरी निकायों के चुनाव से भाग रही गठबंधन सरकार : कुमारी सैलजा