गुरुग्राम में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां एक शख्स 20 घंटे से ज्यादा समय तक कमरे से बाहर नहीं निकला. कमरे के अंदर बैठकर धड़ाधड़ अपने खातों से रुपये ट्रांसफर करता रहा. उसने करीब 57 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया. 24 घंटे बाद शख्स पुलिस के पास पहुंचा. अजीब केस सुनकर पुलिस अधिकारी भी सन्न रह गए. आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला… गुरुग्राम. मुंबई अंडरवर्ल्ड से लिंक बताकर गुड़गांव के रहने वाले व्यक्ति से सीबीआई और मुंबई पुलिस का डीसीपी बनकर करीब 57 लाख रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. 20 घंटे से अधिक समय तक उसे स्काइप वीडियो कॉल पर हाउस अरेस्ट में रखा गया. उसके खाते में मौजूद राशि, एफडी तोड़कर रुपये ट्रांसफर करा लिए गए. मामले में साइबर क्राइम थाना ईस्ट पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. पुलिस को ये शिकायत सेक्टर-51 एरिया में रहने वाले देबराज मित्रा ने दी है. पीड़ित का कहना है कि 11 फरवरी को दोपहर के समय एक नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को कुरियर कंपनी की मुंबई ब्रांच का कर्मचारी बताकर कहा कि विदेश भेजा जा रहा एक पार्सल कस्टम डिपार्टमेंट ने पकड़ा है. इसमें पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड, लैपटॉप व अवैध नशीला पदार्थ है. ये पार्सल आपके नाम पर आधार कार्ड की आईडी देकर बुक किया गया है. फिर उसने कहा कि हम आपकी कॉल मुंबई पुलिस को ट्रांसफर कर रहे हैं. करीब 24 घंटे तक वीडियो कॉल पर ही निगरानी में रहा पीड़ित इसके बाद मुंबई पुलिस के ‘पुलिसकर्मी ‘ने बात की और आधार कार्ड की डिटेल और फोटो मांगी. फिर कहा गया कि मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़े धन शोधन मामले के तहत इस आधार नंबर का लिंक मिला है और इसमें जांच शुरू हुई है. बाद में स्काइप से वीडियो कॉल कनेक्ट की गई और उसमें अलग-अलग लोगों ने पुलिस के अधिकारी बनकर बात की. एक ने खुद को मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम विंग का डीसीपी बताया तो किसी ने सीबीआई अधिकारी बनकर बात की. करीब 24 घंटे तक शिकायतकर्ता को वीडियो कॉल पर ही निगरानी में रहने को कहा गया. Post navigation डोहकेश्वर धाम में अखंड ज्योति अनंतकाल तक जलती रहेगी: नन्द लाल शर्मा गुरुग्राम में दस साल में एक इंच भी नहीं बढ़ी मेट्रो, चुनावों की घोषणा के वक़्त शिलान्यास महज़ एक चुनावी जुमला-चौधरी संतोख सिंह