आजादी के पहले से ही किसान और मजदूर की लड़ाई लड़ने वाले किसान-कमेरों के मसीहा दीनबंधु चौधरी छोटूराम क़ो भारत रत्न देने की उठी मांग चण्डीगढ़ : 8 जनवरी 1945 की शाम थी और आज़ादी से पहले के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में सूबे की सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री देर रात तक कुछ फाइलों पर हस्ताक्षर कर रहे थे। फाइल्स थी भाखड़ा-नांगल बांध परियोजना से जुड़े तमाम मामलों को अंतिम स्वीकृति देने की और उस मंत्री का नाम था चौधरी छोटूराम। उत्तर भारत के किसानों को ये सौगात देने के अगले ही दिन उनका स्वर्गवास हो गया था। यह वाक्या जाट सभा, चण्डीगढ़-पंचकूला के तत्वाधान में आयोजित दीनबंधु चौधरी छोटूराम के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि के तौर पर बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बिरेन्द्र सिंह, जो चौधरी छोटूराम के नाती भी हैं, ने उपस्थित लोगों सम्बोधित करते हुए साँझा किया। 27 सैक्टर में स्थित जाट भवन में संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा के पूर्व डीजीपी एवं जाट सभा के अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र सिंह मलिक ने की। चौधरी बिरेन्द्र सिंह ने कहा कि चौधरी छोटूराम भाखड़ा नांगल डेम की योजना पास करते ही 19 जनवरी 1945 को अंतिम सांस लेते हैं और अपने जीवन के अंतिम दिन भी किसानों को ऐसी सौगात देकर जाते हैं जिससे आज पूरे पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान की फसलें लहराती है। किसानों को बंपर पैदावार देती है इसी के बल पर भूखे भारत के गोदाम किसानों ने भरे हैं। चौधरी बिरेन्द्र सिंह ने कहा किसानों के हित में जितने कानून, नीतियां और योजनायें उन्होंने बनाई उसके लिए उनको अगर किसानों का संविधान निर्माता भी कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आम किसान-मजदूर के हित आसानी से समझाने वाले राजनैतिक आज़ादी से पहले आर्थिक-सामजिक आज़ादी के पक्षधर चौधरी छोटूराम सारी उम्र किसान-कमेरों की लड़ाई लड़ने वाले व्यक्ति थे। कार्यक्रम में सभी ने एक स्वर में चौधरी छोटूराम को भारत रत्न देने की पुरजोर मांग की। कार्यक्रम में भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, राज्य सभा सांसद डीपी वत्स, जस्टिस प्रीतम पाल सिंह, पूर्व आईएएस आरआई सिंह, प्रो. हरबंस सिंह सहित सभी ने एक मत से दिनबंधु चौधरी छोटूराम और चौधरी देवीलाल क़ो भारत रत्न देने की सरकार से मांग की। बंतो कटारिया ने कहा कि दीनबंधु चौधरी छोटूराम हमेशा किसानों के साथ देश की गरीब जनता के हितों क़ो सर्वोपरि रखते थे। उनके द्वारा बनाए गए शिक्षण संस्थानों में गरीबों के बच्चे पढ़कर अपने पैरों पर खडे हुए है। बंतो कटारिया ने बताया कि चौधरी छोटूराम के बारे में दिवंगत रतनलाल कटारिया भी हमेशा बताते रहे है कि उनके संघर्ष और लड़ाई के बलबूते ही गरीब आदमी लोकसभा और विधानसभा में जा रहा है। डॉ. महेन्द्र सिंह मलिक ने कहा की 1912 में रोहतक आने के बाद चौधरी छोटूराम ने एक वकील के रूप में काम किया और साथ में सामाजिक हित के लिए लड़ाई लड़ने लगे। उन्होंने शिक्षा पर विशेष जोर दिया और रोहतक में एक विद्यालय की स्थापना की। डॉ. महेन्द्र सिंह मलिक ने आगे कहा कि चौधरी छोटूराम ने मंत्री के रूप में किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और ग्रामीणों के विकास के लिए कई कदम उठाए। इस अवसर पर श्रीमती बंतो कटारिया, चौधरी भरतसिंह शिक्षा समिति की चेयरप्रशन श्रीमती कृष्णा मलिक, जस्टिस प्रीतमपाल, लेफ्टिनेट जरनल राजसिंह, राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, ईश्वर सिंह दूहन,आरके मलिक, बीएस गिल, राजे राम सोरान, जय पाल पुनिया, जेएस ढिल्लों, आनन्द लाठर, प्रेम सिंह, महावीर फोगाट, नरेश दहिया,सतीश मकड़ोली सहित जाट सभा के सभी के सभी सदस्य उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में अर्जुन अवॉर्डी स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों, मेधावी छात्रों के साथ जाट सभा के वरिष्ठ सदस्यों को जाट सभा की ओर से सम्मानित किया गया। सभा इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा पुस्तक- “क्रॉनिकल्स एंड मेमॉयर्स” का विमोचन भी किया गया तथा हरियाणवी रागनी एवं सांस्कृतिक के भव्य कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। Post navigation 18 फरवरी को कलायत में होने वाली ‘जन आक्रोश रैली’ हुई स्थगित हरियाणा की डबल इंजन सरकार विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध – प्रधानमंत्री