चुनाव जिताने की बात दूर हरवाने की क्षमता भी खोते जा रहे हैं राव इंद्रजीत सिंह : माईकल सैनी (आप)

रामपुरा हाउस का रुतबा कायम नहीं रखा, जबसे बने मोदी समर्थक राव इंद्रजीत : माईकल सैनी (आप)

गुरुग्राम 9 फरवरी 2024 आम आदमी पार्टी नेता माईकल सैनी का कहना है कि – सांसद राव इंद्रजीत सिंह का वजूद रामपुरा हाउस से है और रामपुरा हाउस की विरासत के मालिक इनके भाई न रहकर यह खुद रहे, कारण इनकी निर्भीक आवाज जिसे कोंग्रेस में रहते उठाते रहे लेकिन जब से इन्होंने भाजपा जॉइन की यह मोदी के समर्थक बनकर रह गए, जो रामपुरा हाउस के रुतबे के मुताबिक नहीं था उसको देखते हुए इनके लोग घटते चले गए या कहें कि समर्थक दूर जाने लगे !

वैसे भी दस साल हो गए इन्हें भाजपा में रहते हुए लेकिन आज भी किसी भाजपाई ने इन्हें अपनाया नहीं यह भी कटु सत्य है 36 का आंकड़ा सरकार के मुखिया से तो रहा ही इनके कार्यक्रमों में भाजपा कार्यकर्ता ने भी दूरी ही बनाए रखी, कहने को भले राजनीतिक रूप से जरूर भाजपा में चले गए हों लेकिन वर्तमान में अगर देखा जाए तो भाजपा ने जो नया नवेला संगठन घोषित किया है उसमे राव समर्थकों से परहेज़ ही देखा गया है !

इधर दलित सैल व ओबीसी सैल के अध्यक्ष जीएल शर्मा और सतप्रकाश जरावता को बनाया है जिसे लेकर भाजपाइयों का कहना है कि जो भी शेष दलित-ओबीसी साथ हैं उन्हें यह दोनों तोड़ने का काम कर लेंगें क्योंकि यह दोनों राव के अति विश्वस्त रहे हैं और व्यक्ति का इन्हीं से सीधा संपर्क रहता था चूँकि वह तो राजा हैं और राजा का प्रजा से तो कभी-कभार ही मिलना होता है !

माईकल सैनी ने कहा कि इस लिहाज से देखा जाए तो उनके समर्थकों में आशा की कमी आयी है अतः वह खुद राजा से छिटक भाजपा नेताओं के करीब जा रहे हैं !

इनके विषय में पहले कहा जाता था कि वह अपने दम पर चुनाव जीतते हैं मगर पिछले कुछ समय से कहा जाने लगा है कि राव इंद्रजीत में चुनाव जीतने-जिताने की क्षमता रही हो न हो लेकिन चुनाव हरवाने की क्षमता अवश्य रखते है परन्तु वर्तमान में ऐसा लग रहा है कि वह इस क्षमता को भी खोते जा रहे हैं !

माईकल सैनी ने बताया कि राव इंद्रजीत सिंह एकछत्र राजा कहलाते आए हैं निश्चित ही राजा का सिंघासन रहा होगा जिसपर बैठ वह राज चलाते आए लेकिन वर्तमान में उनके पास समर्थकों का अभाव है राजतंत्र रहा नहीं प्रजातंत्र है और प्रजातंत्र में राजा वही है जिसे जनता चुने और अब उसके आसार भी कम नजर आते हैं !

बहुचर्चित सहकारिता मंत्री बनवारीलाल को ही लें तो राव इंद्रजीत से मिलकर चुनाव लड़े यहां तक कि राजनीति में पदार्पण भी राव इंद्रजीत ने ही कराया था और पक्के समर्थक बताए जाते थे लेकिन आज वह मुख्यमंत्री के साथ देखे जा रहे हैं !

सैनी ने कहा कि बेशक अकेले कोई राव इंद्रजीत का मुकाबला नहीं कर सकता हो लेकिन वर्तमान समय में राव नरवीर सिंह, सुधा यादव और भूपेंद्र यादव सरीखे नाम भी बहुत अहम हैं, भविष्य में और भी चुनोतियाँ राजा राव के समक्ष प्रस्तुत होंगीं जिनका अनुमान लगा कहा जा सकता है कि ‘राव इंद्रजीत सिंह का सिंघासन डोल रहा है” !

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