*रामपुरा हाउस की राजनीति को संभालने वाले हाथ अब दलविशेष के आगे जुड़ने लगे ? माईकल सैनी (आप) *राजा की बादशाहत विलुप्ति के कगार पर देख प्रमुख सिपहसालार बनाने लगे दूरी, *दरबारियों में राजा को छोड़कर भागने की मानों कोई होड़ सी लग चुकी है, गुरुग्राम 6 फरवरी 2024 राजा राव तुलाराम से विरासत में मिली राजगद्दी को (रेवाड़ी) रामपुरा हाउस से क्या खूब चलाते थे राजा राव वीरेन्द्र सिंह उनके हर एक शब्द को पत्थर पर लिखी तकरीर मानकर चलते थे अहीरवाल के लोग जिनकी बदौलत वह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (आयरन लेडी) से भिड़ गए थे उसके बाद हालात यहां तक पहुंचे कि क्षेत्र में एक रैली करना दुश्वार लगने लगा , भय पैदा हो गया था क्षेत्र के लोग उनका पुरजोर विरोध करेंगे और ऐसा सोचना गलत भी नहीं था उस समय जिस कारण उन्हें राव साहब से अनुमति लेने अपनी एम्बेसडर कार खुद चलाकर आना पड़ा तब जाकर वह रैली कर पाई थी , ऐसी दमदार सख्शियत थे राजा राव वीरेन्द्र सिंह मगर आज उनके वंशज इस तरह की राजनीति कर रहे हैं मानों वह सब एक मिथक था ? माईकल सैनी आम आदमी पार्टी नेता कहते हैं कि मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत सिंह भी दशकों से रामपुर हाउस जहां से आत्मीय जुड़ाव रखते हैं अहीरवाल के लोग उनके दम पर राजनीति करते आए हैं परन्तु अब ना जाने ऐसा क्या कारण है कि उनके प्रमुख सिपहसालार जो उनके प्रति आसक्त हुआ करते थे उनसे दूरी बनाने ही नहीं लगे हैं बल्कि दूसरे लोगों को साथ जोड़कर खेमेबंदियों में जुटे हैं , इसके पीछे अनेकों कारण हो सकते हैं परन्तु मुख्यतः नजर आने वाले कारणों में से एक उनकी क्षेत्र के विकास और समाज के प्रति अरुचि का होना तथा पुत्रिमोह में दल विशेष के आगे झुकाव रास नहीं आना हो सकता है अन्यथा जिन्होंने अपनी पहचान ही राव घराने से बनाई हो वह आज खिलाफत करने पर उतारू हो जाएं ? खैर… लोगों में चर्चा तो यह भी है कि सांसद राव इंद्रजीत सिंह अपने कार्यकाल के अधिकांश समय दिल्ली बंगले पर व्यतीत करते हैं, आमजन से मिलना तो गंवारा ही नहीं खास लोगों को भी वहीं दरबार में मिलने जाना होता है, उसके बावजूद भी व्यस्तता इतनी के वह किसी बैठक में नहीं पहुंचे तो अहीर रेजिमेंट के मसौदे पर हस्ताक्षर रुक जाएंगे, बनता हुआ एम्स मनेठी से माजरा आकर भी रुक जाएगा जब्कि वास्तविकता पाठक भी जानते हैं … माईकल सैनी ने कहा कि राव इंद्रजीत सिंह एक ओर मोदीजी से नजदीकियां दर्शाते हैं वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से राजनैतिक प्रतिद्वंदता रखते हुए नजर आते है जिसे अनेकों बार प्रदेश वासियों ने देखा और समझा है शायद ऐसा उन्होंने अपनी महत्वकांशा के पूर्ण नहीं होने के चलते किया हो मगर इस खींचतान वाली रस्साकशी से हांसिल क्या हुआ क्षेत्र के लोगों को और अंततोगत्वा मुख्यमंत्री खट्टर साहब की तारीफ में भी कसीदे गढ़ने पड़े तो फिर पूरा एक दशक गंवाने से क्या लाभ हुआ सवाल यह है ! सैनी ने कहा कि गत दिवस सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा डिजिटल माध्यम से अनेकों योजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा था तब उन्हीं में से एक योजना के शुभारंभ करने का क्या औचित्य रह गया था ? माईकल सैनी को लगता है कि भाजपा के चक्रव्यूह में फंस चुके हैं राव इंद्रजीत सिंह , उनके प्रमुख दरबारियों को पदभार देकर उनकी ही जड़ें काटने में कुदाल देकर लगा दिया है भाजपा ने ? ना मोदी जी से प्रीत काम आयी ना खट्टर से वैर,अब टिकेट के लिए दरबार में हैं रब्बा करेगें खैर “ Post navigation जनता की सेवा एवं उनके संघर्षों में साथ रहना ही मेरा धर्म और कर्तव्य: जवाहर यादव हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की गुरूग्राम में खुली जनसुनवाई 16 फरवरी को : रविंद्र बलियाला