अदालत ने बिजली निगम को दिए आदेश ……उपभोक्ताओं के काटे गए कनेक्शन जोड़े जाएं पुन:

जमा कराई गई जुर्माना राशि का आगामी बिलों में किया जाए समायोजित

गुडग़ांव, 27 जनवरी (अशोक): बिजली निगम द्वारा एक ही आवास पर लगे पिता-पुत्रों के बिजली कनेक्शनों से बिजली चोरी किए जाने के आरोप लगाते हुए उस पर भारी भरकम जुर्माना भी लगा दिया। उपभोक्ताओं द्वारा अदालत में दायर किए गए इन मामलों की अदालत मेें सुनवाई हुई। जिसमें सिविल जज संचित सिंघल की अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि दोनों उपभोक्ताओं के काटे गए बिजली कनेक्शनों को दोबारा जोड़ा जाए और उनके द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का आगामी बिजली के बिलों में समायोजित किया जाए। हालांकि अदालत ने जमा कराई गई राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया है। जिसके लिए उपभोक्ता अदालत के इस निर्णय को उच्च अदालत में चुनौती भी देंगे।

गांव धर्मपुर के संदीप त्यागी व रामपाल त्यागी के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन एक ही आवास में हैं। बिजली निगम ने संदीप त्यागी पर आरोप लगाया था कि वह बिजली की चोरी कर रहा था। बिजली निगम ने उन पर 7 लाख 25 हजार 239 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। इसी प्रकार रामपाल त्यागी पर भी आरोप लगाया था कि वह भी बिजली की चोरी कर रहा था और उस पर 2 लाख 28 हजार 442 रुपए का जुर्माना लगाया था। दोनों उपभोक्ताओं ने बिजली निगम के अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि उसके बिजली कनेक्शन अलग-अलग हैं और वे किसी एक दूसरे को बिजली भी उपलब्ध नहीं करा रहे थे और उन्होंने काई बिजली चोरी नहीं की है, लेकिन निगम के अधिकारियों ने उनकी एक नहीं मानी और उन्होंने जुर्माना राशि भी 21 नवम्बर 2023 को जमा करा दी ताकि बिजली निगम द्वारा काटे गए उनके बिजली कनेक्शन दोबारा से लग जाएं। लेकिन बिजली निगम ने उनके कनेक्शन दोबारा नहीं लगाए। निगम के अधिकारियों से भी उन्होंने गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। जिस पर उन्हें मजबूर होकर अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

अधिवक्ता का कहना है कि बिजली निगम की धींगामस्ती का खामियाजा उसके उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ा। उन्हें लंबे समय तक बिना बिजली के रहना पड़ा और इस भीषण ठंड में उन्होंने जनरेटर का भारी खर्चा उठाया। अदालत ने बिजली निगम के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि उपभोक्ताओं का काटा गया बिजली का कनेक्शन पुन: जोड़ा जाए और उनके द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि को बिजली बिलों में समायोजित किया जाए।

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