धर्म गुरुओं की सलाह ये राजनीतिज्ञ रणनीतिकार मानने को तैयार नहीं

एक बार फिर से सनातन धर्म की ओट में अहंकारी अपना जाल बिछा रहे

फतह सिंह उजाला 

पटौदी 21 जनवरी। सर्व विदित है कि त्रेता युग में शिव भक्त रावण के अहंकार ने साधु का भेष धारण कर सीता माता का अपहरण किया था । उस समय श्रीलंका के सभी प्रबुद्ध जनों, त्रिलोक विजेता रावण के भाई विभीषण और  यहां तक की उनकी धर्मपत्नी मंदोदरी  ने भी रावण को अपने अहंकार का त्याग कर सीता माता को वापस अयोध्या पहुंचने की सलाह दी थी । 

“सचिव, वैद्य, गुरु तीन जौ प्रिय बोलहिं भय आस। राज, धरम, तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास।।”

अनेकों अनेक वर्ष के बाद एक बार फिर से सनातन धर्म की ओट में अहंकारी अपना जाल बिछा रहे हैं। आज कलियुग में देश के  अहंकारी राजनीतिज्ञों ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा  का ही अपहरण कर लिया । मौजूदा समय और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में हमारे शंकराचार्य और तमाम धर्म गुरुओं की सलाह को ये राजनीतिज्ञ रणनीतिकार मानने को तैयार नहीं है। यह बात कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कही है।

उन्होंने कहा त्रेता युग में भगवान राम स्वयं थे। जिन्होंने सीता मैय्या को अपनी वानर सेना के सहयोग से रावण के अहंकार से आजाद करवाया । 

अब कलियुग में राम भक्तों की परीक्षा की घड़ी आन पड़ी है ।भगवान राम कण-कण में व्याप्त है , हम सब ही नहीं प्रत्येक जीव के अंदर व्याप्त हैं । इसलिए हम राम भक्तों के ऊपर यह जिम्मेदारियां आन पड़ी है कि हम अपने आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चिरकालीन मर्यादा को इन अहंकारी राजनीतिज्ञों के चँगुल से आजाद करवाएं। उन्होंने कहा जिस तरह से रावण का वध उसके नाभि में तीर चला कर भगवान राम ने किया था। आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में, इन अहंकारी राजनीतिज्ञों की  सत्ता सुख की लालसा को कलियुग में भगवान राम की वानर रूपी जनता जनार्दन की सेना, वोट की चोट देकर परास्त करेगी।  सनातन काल से चली आ रही मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा में एक बार फिर से प्राण प्रतिष्ठा कर उसे अक्षुण्ण बनाए रखेगी।

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