बिजली वितरण निगम के अधिकारी दावा कर रहे है कि किसानों को मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार दो शिफ्टों में दिन में बिजली देने के लिए शैडयूल बनाया जा रहा है। सवाल उठता है कि कि बिजली वितरण निगम जब तक शैडयूल बनाएंगी तब तक कहीं सर्दी ही न बीत जाये : विद्रोही

13 जनवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने इस कड़कती ठंड में किसानों को खेती के लिए रात की बजाय दिने में दो शिफ्टों में बिजली आपूर्ति का जुमला तो एक सप्ताह पूर्व उछाल दिया लेकिन जमीन पर दिन में खेती की सिंचाई के लिए बिजली देने की कोई व्यवस्था अभी तक नही की है। विद्रोही ने कहा कि किसानों की कृषि के लिए रात की बजाय दिन में बिजली देने का जुमला उछालते हुए एक सप्ताह हो गया, लेकिन अहीरवाल में तो अब भी पूर्व का शैडयूल जारी है जिसके तहत तीन रोज दिन में बिजली मिलती है और तीन दिन रात को बिजली मिलती है। सवाल उठता है कि यदि मुख्यमंत्री ने इस ठंड में किसानों को राहत देनी थी तो पहले होमवर्क करके उसे जमीन पर लागू करने का प्रबंध क्यों नही किया?  

विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल में इस समय ठंड का पारा रात को एक डिग्री से तीन डिग्री सेल्सियस के बीच झूल रहा है जिससे सहज अनुमान लगााय जा सकता है कि ठंड का कहर किस कदर है। ऐसे ठंड के कहर में अहीरवाल के किसानों को मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी रात को ही अपने फसलों को बचाने के खातिर टयूबवैल के माध्यम से सिंचाई को मजबूर होना पड रहा है। पूरे हरियाणा में अहीरवाल ही ऐसा क्षेत्र है जहां खेती की सिंचाई बिजली आधारित नलकूपों पर निर्भर है। यहां केवल 2 से 3 प्रतिशत जमीन ही नहरी पानी से सिंचित होती है। जिस अहीरवाल के किसान खेतों की सिंचाई के लिए 97 प्रतिशत जमीन बिजली नलकूपों पर निर्भर हो, उस क्षेत्र के किसानों को दिन में सिंचाई के लिए बिजली देने की बजाय जुमलेबाजी से क्यों ठगा जा रहा है। विद्रोही ने कहा कि बिजली वितरण निगम के अधिकारी दावा कर रहे है कि किसानों को मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार दो शिफ्टों में दिन में बिजली देने के लिए शैडयूल बनाया जा रहा है। सवाल उठता है कि कि बिजली वितरण निगम जब तक शैडयूल बनाएंगी तब तक कहीं सर्दी ही न बीत जाये। मुख्यमंत्री कोई घोषणा करते है तो पहले उसे कैसे लागू करना है, यह योजना बनाई जाती है न कि बिना होमवर्क किये खट्टर जी की तरह जुमले उछालकर किसानों को ठगा जाता है। 

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