– किसानों ने जुए में जुतकर दर्शाई अपनी दुर्दशा – एचएयू के 4 नंबर गेट के सामने से लघु सचिवालय तक किसानों का जोरदार प्रदर्शन, प्रदर्शन में भारी संख्या में जुटे किसान – प्रशासन से वार्ता रही विफल, किसानों और प्रशासन में नहीं बनी सहमति, 26 जनवरी से बड़े आंदोलन की घोषणा हिसार 4 जनवरी : आज पांच संगठनों के नेतृत्व में किसान बैल की जगह खुद को जुए में जोतकर हल चलाते हुए चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के चार नंबर गेट से विरोध प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय तक पहुंचे किसानों ने वहां जाकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। किसानों की एडीसी से 1 घंटे की मीटिंग हुई लेकिन प्रशासन से वार्ता विफल रही। भाकियू प्रदेश प्रेस प्रवक्ता जोगेंद्र मैयड़ ने बताया आज किसान और मजदूर कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है यह सरकार की गलत नीतियों के कारण हो रहा है विदेशों में जिस किसान के पास दो एकड़ जमीन भी है वह कार लेकर खेत में जाता है लेकिन हमारे देश के किसान व मजदूरों की लुटिया सरकारों ने डुबो दी है। सत्ता में बैठे नेता अपनी तिजोरियां भर रहे हैं और देश को लूटने का काम कर रहे हैं। किसान, मजदूर और बेरोजगार होते युवाओं की उन्हें कोई चिंता नहीं है। जोगेंद्र मैयड़ ने बताया कि किसानों ने राष्ट्रीय मुद्दों एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून लागू करवाना, किसान और मजदूर संपूर्ण कर्ज मुक्ति, मनरेगा को कृषि से जोडक़र मनरेगा मजदूरों की 600 रुपये दिहाड़ी दी जाए और सी2 जमा 50 के तहत यानी की लागत का डेढ़ गुना भाव देकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए। बेरोजगार होते युवाओं को रोजगार देने आदि मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एडीसी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि 72 गांवों के किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है जिससे उनमें भारी रोष है। अगर 25 जनवरी तक यह बकाया मुआवजा नहीं मिला तो 26 जनवरी को किसान बड़ा आंदोलन करेंगे। आज इसकी घोषणा सामुहिक रूप से की गई कि 26 जनवरी को बड़ा आंदोलन होगा। इसके अलावा किसानों की एक और बड़ी समस्या आवारा पशुओं की है वह भी किसानों ने प्रशासन के समक्ष रखी क्योंकि आवारा पशु किसान की फसल को चट कर जाते हैं और उसे भारी नुकसान उठाना पड़ता है। अगर प्रशासन ने जल्द ही इसका कोई प्रबंध नहीं किया तो किसान सभी आवारा पशुओं को डीसी ऑफिस के सामने छोडक़र जाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार समय रहते इन सभी मांगों को मान ले नहीं तो किसान और मजदूर जोरदार विरोध आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएगा और आने वाली 2024 में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस मौके पर भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष भाई सुरेश कोथ, पगड़ी संभाल जट्टा के प्रदेश अध्यक्ष मनदीप नथवान, सात बास के प्रधान बलवान मलिक, बारह खाप के प्रधान रतन सिंह मिलकपुर, धर्मपाल बडाला, सतीश बेनीवाल, दिलबाग हुड्डा, कृष्ण माजरा, राम अवतार सुलचानी, सत्यवान कनोह, अमरजीत मोड़ी, छत्रपाल, सुंदर, सुखविंदर औलख, कृष्ण किरमारा, समुद्र मलिक, कृष्ण माजरा व संदीप सिवाच सहित भारी संख्या में किसान मौजूद थे। Post navigation वानप्रस्थ में ‘नाचो नाचो….’ अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों से बांड राशि भरने के आदेश के खिलाफ लामबंद होने शुरू हुए निजी स्कूल संचालक