— सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने मीटिंग करके लिया कड़ा फैसला

— बॉन्ड राशि मामले में निजी स्कूलों और सरकार में टकराव के आसार

— 60 हजार बच्चो के खराब होते भविष्य का जिम्मेवार कौन ?

— बोर्ड परीक्षाएं घोषित, लेकिन 1032 निजी स्कूलों के नही भरे जा सके 10वी 12वी बोर्ड परीक्षाओं के फार्म

रौनक शर्मा

हिसार – शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए एक पत्र ने हरियाणा में अस्थाई मान्यता पर चल रहे 1032 निजी स्कूल संचालको की नींद उड़ा दी हैं जिसके चलते सरकार और निजी स्कूल संचालकों में टकराव के आसार बन गए हैं और निजी स्कूल संचालक सड़को पर उतरने को मजबूर हो गए हैं

शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में जारी किए गए पत्र के अनुसार हरियाणा में चल रहे 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को वर्तमान सत्र 2023 – 24 में अपने 10वी 12वी के बच्चो की हरियाणा शिक्षा बोर्ड से परीक्षाएं दिलवाने के लिए स्थाई मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और साथ ही अलग अलग कक्षा की मान्यता के अनुसार एक लाख से लेकर 2 लाख रु बॉन्ड राशि भरनी होगी तभी 1032 निजी स्कूल अपने बच्चो को हरियाणा बोर्ड की परीक्षाएं दिलवा सकेगे जिससे इनमे पढ़ने वाले लगभग 10वी 12वी के 60 हजार और पहली से 12वी के 5 लाख बच्चो के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं

शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र के बाद हरियाणा की प्राइवेट स्कूल यूनियन सक्रिय हो गई हैं सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी ने की अध्यक्षता में निजी स्कूल संचालको की एक मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमे सरकार द्वारा निजी अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक्सटेंशन नही देने और लाखो रु बॉन्ड राशि भरवाने जाने संबंधित समस्याओं बारे विचार विमर्श किया और ठोस समाधान हेतु योजना बनाई

सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ की मीटिंग में फैसला किया की सरकार निजी स्कूलों को भयंकर सर्दी में सड़को पर उतरने को मजबूर कर रही हैं जिसके लिए हिसार जिले के सभी अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल संचालक शनिवार 6 जनवरी को सुबह 8 बजे डिवाइन हार्ट स्कूल कैमरी रोड हिसार में इक्कठे होगे और वहा से पैदल मार्च निकालते हुए डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा व अन्य मंत्रियों व विधायकों के निवास स्थान पर पहुंचेंगे, व इसी प्रकार से प्राइवेट स्कूलों की कमेटी सदस्य प्रत्येक जिलों के मंत्रियों व विधायकों के आवास पर जाकर ज्ञापन देंगे ।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी ने बताया की शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया पत्र तानाशाही हैं क्योंकि ये निजी स्कूल पिछले 20 – 22 साल से साल दर साल अस्थाई मान्यता पर चल रहे हैं और हर साल सरकार द्वारा एक्सटेंशन भी दी जाती हैं लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने ऐसी शर्त नही लगाई जिसमे लाखो रु बॉन्ड राशि भरे बिना बच्चे बोर्ड परीक्षाएं नही दे सकते निजी स्कूलों द्वारा सरकार के इस तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध किया जाएगा जिसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा

गौर करने योग्य बात हैं हरियाणा में शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र की गाज इन 1032 निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो पर पड़ने की संभावना बनी हुई हैं जो इन निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं जिन्हे बोर्ड परीक्षा के लिए एक्सटेंशन लेटर जारी नही किया जा रहा ऐसे में इन बच्चो का साल खराब होने का खतरा मंडराने लगा हैं

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