मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा शैक्षिक ……..

चंडीगढ़, 3 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा शैक्षिक (महाविद्यालय संवर्ग) ग्रुप-ख सेवा नियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। इन नियमों को हरियाणा शैक्षिक (महाविद्यालय संवर्ग) ग्रुप -ख सेवा (संशोधन) नियम, 2023 कहा जाएगा।

संशोधन के अनुसार, पात्रता के लिए किसी भारतीय विश्वविद्यालय से संबंधित/सुसंगत/सम्बद्ध विषय में 55 प्रतिशत अंकों सहित मास्टर डिग्री (अथवा जहां कहीं भी ग्रेडिंग प्रणाली का अनुसरण किया जाता है, वहां पॉइंट-स्केल में समकक्ष ग्रेड) के साथ बेहतर शैक्षणिक रिकॉर्ड या किसी प्रत्यायित विदेशी विश्वविद्यालय से समकक्ष डिग्री, को शामिल किया गया है।

सीधी भर्ती हेतु पात्रता के प्रयोजन के लिए हरियाणा राज्य की अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/पिछड़े वर्ग क तथा ख (असंपन्न वर्ग)/निशक्त (क) दृष्टिहीनता अथवा निम्न दृष्यता, (ख) बधिर और कम सुनाई देना, (ग) सेरेब्रल पालसी, कुष्ठ उपचारित, नाटापन, अम्लीय हमले के पीड़ित और मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी सहित लोकोमोटर निशक्तता (घ) विचार भ्रम (आटिज्म), बौद्धिक निशक्तला, विशिष्ट अधिगम निशक्तता और मानसिक अस्वस्थता। गूंगापन-अंधापन सहित (क) से (घ) के अन्तर्गत व्यक्तियों में से बहु निशक्त्तता) से संबंधित अभ्यर्थियों के लिए स्नातक स्तर के साथ-साथ स्नातकोत्तर स्तर पर पाँच प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। 55 प्रतिशत के पात्रता अकों (अथवा जहां कहीं भी ग्रेडिंग प्रणाली का अनुसरण किया जाता है, वहां प्वॉइंट स्केल में समकक्ष ग्रेड) और किसी रियायत अंक प्रक्रिया को शामिल किये बिना केवल अर्हता अंको के आधार पर उपरोक्त वर्णित वर्गों के लिए 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अथवा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा संचालित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) अथवा यूजीसी द्वारा प्रत्यायित समरूप परीक्षा, जैसे एसएलईटी/एसईटी अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (एम.फिल/पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियम, 2009 या 2016 और समय-समय पर इनमें बाद में किए गए संशोधनों, जैसी भी स्थिति हो, के अनुसार पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई हो, उन्हें एनईटी/एलएलईटी/एसईटी से छूट प्रदान की जाएगी।

इन शर्तों को संबंधित विश्वविद्यालय के कुल सचिव अथवा संकाय अध्यक्ष (शैक्षणिक कार्य) द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।

बेहतर शैक्षणिक रिकॉर्ड निर्धारित करने के लिए मापदंड

बेहतर शैक्षणिक रिकॉर्ड निर्धारित करने के लिए उम्मीदवार द्वारा मास्टर डिग्री तक की चार में से दो परीक्षाओं (जो मैट्रिक अथवा इसके समकक्ष से निम्न की न हो) में औसतन 55 प्रतिशत अंक अथवा इनमें से दो परीक्षाओं में प्रत्येक में पृथकतः 50 अंक प्राप्त किए होने चाहिए।

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