नव वर्ष की बेला पर हर नागरिक को मोदी भाजपा सरकार के विगत 9 वर्षों का मूल्यांकन करना होगा ताकि 2024 के चुनाव में आमजन फिर मोदी-भाजपा की ठगाई में आकर अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी न मारे : विद्रोही

विगत 9 सालों में मोदी राज में सत्ताबल पर आमजनों की जेब काट कर चंद पूंजीपत्तियों की तिजोरी भरी गई और आमजन की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई : विद्रोही

1 जनवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने जारी एक बयान में कहा कि वर्ष 2023 समाप्त होकर दुनिया वर्ष 2024 में प्रवेश कर गई है लेकिन मोदी जी ने वर्ष 2014 से अब तक विगत 9 वर्षों में जनता को दिखाए गए मुंगरी लाल के हसीन सपने जुमले वादों में से कोई भी वादा पूरा नहीं किया। विद्रोही ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में फिर जनता को ठगने मोदी जी जुमले उछाल रहे हैं, लेकिन जनता जानना चाहती है कि वर्ष 2024 में अब तक किए गए मोदी जी के वादों का क्या हुआ? नव वर्ष की बेला पर हर नागरिक को मोदी भाजपा सरकार के विगत 9 वर्षों का मूल्यांकन करना होगा ताकि 2024 के चुनाव में आमजन फिर मोदी-भाजपा की ठगाई में आकर अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी न मारे। देश का युवा जानना चाहता है कि आज देश में विगत 45 सालों की सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर क्यों है? 2014 में किए गए वादे अनुसार हर वर्ष मिलने वाले 2 करोड़ रोजगार कहां गए? युवाओं को विगत साढ़े 9 वर्ष में मिलने वाले 20 करोड़ रोजगार कौन हड़प गया? सत्ता के साढ़े 9 वर्ष पूरे होने पर भी विदेश से लाया जाने वाले कथित काले धन में से हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपए अभी तक क्यों नहीं आए? 

विद्रोही ने कहा कि देश का किसान मोदी जी से जानना चाहता है कि साढ़े 9 वर्ष बीत जाने पर भी किसान आय दोगुना क्यों नहीं हुई? किसान आय दोगुना होना तो दूर उस पर कर्ज बोझ दो से तीन गुणा अवश्य बढ़ गया। वर्ष 2014 में भारत पर जो कर्ज बोझ 54 लाख करोड रुपए था, वह 2023 में बढक़र 205 लाख करोड़ कैसे हो गया?  मोदी भाजपा सरकार द्वारा विगत 9 वर्षों में लिया गया 15 लाख करोड रुपए कहां खर्च हुआ? यह पैसा कौन खा गया? हर घर बिजली अभी तक क्यों नहीं पहुंची? हर व्यक्ति को 19 वर्षों में घर में क्यों नहीं मिला? बुलेट ट्रेन का क्या हुआ? भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन क्यों नहीं हुई? कांग्रेस-यूपीए राज में जो जीडीपी की औसतन वृद्धि दर प्रतिवर्ष 7.6 प्रतिशत थी वह घटकर मोदी राज के साढ़े 9 सालों में घटकर औसतन 5.4 प्रतिशत वृद्धि प्रतिवर्ष कैसे रह गई? आम आदमी की आय कैसे घट गई और अडानी-अंबानी की दौलत बेशुमार रूप से कैसे बढ़ गई?

विद्रोही ने पूछा कि विगत 9 वर्षों में पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर वसूला गया 34 लाख करोड रुपए कहां चला गया? विद्रोही ने आरोप लगाया कि । एक तरफ आमजन की आर्थिक हालत खस्ता हुई है वही लोकतंत्र, संविधान, आईडिया ऑफ़ इंडिया, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव अधिकारों पर जो खतरा पैदा हुआ है और सांप्रदायिक उन्माद नफरत बंटवारे की राजनीति के द्वारा देश जिस विनाश के कगार पर पन्हुचकर संघी फासिजम की गिरफ्त में आया है, यदि आमजनों ने मिलकर संघर्ष नहीं किया तो भारत में लोकतंत्र, संविधान, गंगा जमुना तहजीब का अंत तय है।

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