माजरा एम्स निर्माण की दिशा में एक कदम, मंजिल अभी काफी दूर है : विद्रोही देश में निर्माणाधीन विभिन्न एम्स के भवन निर्माण मोदी राज आने के बाद एक भी विगत 10 सालों में पूरा नहीे हुआ है : विद्रोही 31 दिसम्बर 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने केन्द्र सरकार द्वारा माजरा एम्स रेवाडी के भवन निर्माण के लिए 1231 करोड़ रूपये का टेंडर एलएनटी कम्पनी के नाम वर्क आर्डर जारी करने को माजरा एम्स निर्माण की दिशा में एक कदम बताते हुए कहा कि मंजिल अभी काफी दूर है। विद्रोही ने कहा कि माजरा एम्स भवन निर्माण की टेंडर प्रक्रिया पूरीे होने के बाद अन्य औपचारिकता पूरी करने के बाद जमीन पर एम्स भवन निर्माण कार्य कब शुरू होगा, इसका भी इंतजार है। टेंडर की शर्तो के अनुसार भवन निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि 22 माह रखी गई है, लेकिन मोदी-भाजपा राज आने के बाद देश के अन्य एम्स भवन निर्माण की प्रक्रिया को देखने के बाद लगता नही कि यह निर्माण कार्य 22 माह में पूरा होगा। देश में निर्माणाधीन विभिन्न एम्स के भवन निर्माण मोदी राज आने के बाद एक भी विगत 10 सालों में पूरा नहीे हुआ है। कांग्रेस-यूपीए राज में जिन एम्स भवनों की निर्माण प्रक्रिया शुरू हुई थी, जब मोदी सरकार विगत 10 सालों से उनका ही निर्माण पूरा नही करवा पाई है तब यह संभव नही दिखता कि माजरा एम्स भवन निर्माण निर्धारित अवधि में पूरा होगा। विद्रोही ने कहा कि यह तो तय है कि लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा व आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले माजरा एम्स का शिलान्यास कर दियो जायेगा। अब केवल उस तारीख का इंतजार है जब शिलान्यास होना है। भाजपा की वोट बैंक की राजनीति व श्रेय लेने की होड में माजरा एम्स शिलान्यास को विगत छह माह से जान-बूझकर लटकाया गया है। माजरा एम्स निर्माण के प्रति भाजपा सरकार की मंशा पहले ही दिन से साफ नही है, यह अहीरवाल के लोग अच्छी तरह से जानते भी है। अब लोकसभा चुनाव में अहीरवाल क्षेत्र से गुरूग्राम, रोहतक, महेन्द्रगढ़-भिवानीे लोकसभा क्षेत्रों के मतदाताओं की वोट हडपने माजरा एम्स का शिलान्यास व भवन निर्माण प्रक्रिया तो शुरू कर दी जायेगी, पर सवाल यह है कि जमीन पर यह एम्स कब उतरेगा। विद्रोही ने कहा कि शिलान्यास करने व भवन निर्माण प्रक्रिया करने मात्र सेे अहीरवाल की जनता को यह नही मानना चाहिए कि समय पर एम्स निर्माण पूरा होकर वास्तव में यह जमीन पर फंक्शनल हो जायेगा। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि एम्स शिलान्यास के समय ही केन्द्र सरकार यह भी सुनिश्चित कर दे कि वर्ष 2024-25 सत्र से माजरा एम्स की एमबीबीएस प्रथम वर्ष की कक्षाए व आमजन के ईलाज की ओपीडी भी एक अस्थाई भवन में शुरू हो। शिलान्यास के साथ एमबीबीएस प्रथम वर्ष की कक्षाएं निश्चित तिथि से प्रारंभ करनेे व ईलाज के ओपीडी शुरू किये बिना माजरा एम्स शिलान्यास केवल लोकसभा चुनाव में वोट हडपने की नौटंकी ही होगा। Post navigation भाजपा खट्टर सरकार पारदर्शिता, शुचिता की बजाय झूठ, लूट व ठगी के रास्ते पर चल रहीे है : विद्रोही जनवरी महीने में प्रदेश में बने 2,49,763 नए बीपीएल कार्ड