लोकसभा चुनाव से पहले घर-घर राम का नाम, प्लान बना रही है भाजपा? अशोक कुमार कौशिक अयोध्या को भगवान श्री राम का जन्म स्थान माना गया है, जो सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है। यहां पर बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण पर है। कुछ ही दिनों में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है। जिसमें दूर-दूर से लोग मौजूद होंगे। साथ ही कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि इस दिन यहां पर 4000 से भी ज्यादा साधू इकट्ठा होने वाले हैं। अगर आप भी इस ऐतिहासिक दिन का गवाह बनना चाहते हैं तो यहां जानिए कब होगा मंदिर का उद्घाटन, अयोध्या जाने के लिए बेस्ट समय कौन-सा है। साथ ही ये भी जानिए कि यहां घूमने के लिए कौन सी जगह फेमस हैं। कब है राम मंदिर का उद्घाटन राम मंदिर का काम तेजी से पूरा हो रहा है, क्योंकि 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित हो रह है। इस आयोजन के लिए अयोध्या की सड़कों को भी सुंदर नक्काशी से सजाया जा रहा है। अयोध्या में घूमने की जगह जब से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तब से अयोध्या एक पर्यटन स्थल बन चुका है। अगर आप भी इस खूबसूरत नगरी को देखने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यहां जानिए अयोध्या में घूमने की बेस्ट प्लेस- बहु बेगम का मकबरा- बहू बेगम का मकबरा ‘पूर्व का ताजमहल’ के रूप में फेमस है। नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी और रानी दुल्हन बेगम उन्मतुजोहरा बानो को समर्पित अद्वितीय मकबरा, फैजाबाद में सबसे ऊंचा स्मारक है। परिसर के सामने के बगीचों को खूबसूरती से बनाया गया है। वहीं मकबरे के ऊपर से पूरे शहर का खूबसूरत नजारा भी देखा जा सकता है। दंत धावन कुंड- हनुमानगढ़ी के पास ही दंतधावन कुंड मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीराम इसी कुंड के पानी से अपने दांत साफ करते थे। सरयू नदी- सरयू नदी के दर्शन करने और इसमें नहाने के लिए लोग काफी दूर-दूर से आते हैं। कहते हैं कि सरयू नदी में नहाने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही भगवान श्री राम का भी आशीर्वाद मिलता है। गुप्तार घाट- सरयू नदी के तट पर स्थित इस घाट को घग्गर के नाम से भी जाना जाता है। इस जगह पर भगवान राम ने ध्यान किया था और नदी में ‘जल समाधि’ ली थी। कहते हैं कि इसी के बाद, उन्होंने ‘बैकुंठ’ प्राप्त किया और भगवान विष्णु के अवतार के रूप में स्वर्ग में उतरे। जब भाजपा ने बनाया मुद्दा यह बात 1989 की है जब बीजेपी के गठन को 9 साल हो चुके थे, जगह हिमाचल प्रदेश का पालमपुर था और यहां पहली बार भाजपा ने औपचारिक रूप से वीएचपी की राम मंदिर की मांग का समर्थन किया था। यह वो वक्त था जब आडवाणी बीजेपी के अध्यक्ष हुआ करते थे। जब समर्थन का ऐलान हुआ जसवंत सिंह बैठक छोड़ कर चले गए। आरएसएस से जुड़े साप्ताहिक पत्रिका ऑर्गनाइजर के पूर्व संपादक शेषाद्री चारी द इंडियन एक्सप्रेस को बताते हैं कि पालमपुर के इस सत्र में जो कुछ हुआ वो भाजपा की सियासत में एक बड़ा मोड़ था। यहां गांधीवाद की विचारधारा से एक घुमाव हिन्दुत्व की ओर मुड़ा और दो रास्ते बनते दिखाई दिए। लगभग इसी समय आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले मुरली मनोहर जोशी बीजेपी के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण नेता के तौर पर उभरे। अब लोकसभा चुनाव नजदीक है, कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सियासी दलों ने आम चुनाव के इस दंगल में उतरने की रूपरेखा बनाना शुरू कर दिया है। जहां कांग्रेस ने संगठन में बदलाव किए हैं वहीं बीजेपी के टॉप नेता लगातार बैठकें कर आने वाले कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने के प्रयास कर रही है। इससे पहले पीएम मोदी अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन भी करने वाले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी राम मंदिर से जुड़े इस कार्यक्रम को लोकसभा चुनाव में अपने प्रचार का आधार बनाने की पूरी कोशिश करेगी, बीजेपी ने गांव गांव रामोत्सव कार्यक्रम की योजना भी बनाई है और यह माहौल बनाने का इरादा किया है कि सालों पहले पार्टी ने जो वादा किया था उसे निभाया है। क्या है बीजेपी का प्लान? अगले महीने होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में राम मंदिर ट्रस्ट ने सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों, सभी राष्ट्रीय पार्टी प्रमुखों, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी, दलाई लामा और फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, मधुरी दीक्षित को आमंत्रित किया है। सियासी तौर यह माना जा रहा है कि बीजेपी को लगता है कि यह कार्यक्रम पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव की लड़ाई में एक अहम कड़ी साबित होगा, धारा 370 हटाए जाने और राम मंदिर बनाए जाने के दोनों मुद्दों को बीजेपी के बहुत पुराने वादों के तौर पर देखा जाता है, पार्टी अपने प्रचार में खासतौर पर यह कहेगी कि हमने वादे पूरे कर दिए हैं। संघ और विहिप भी हैं एक्टिव इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस ने 22 जनवरी यानी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दिन देशभर की अपनी 45 इकाइयों से एक हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को घर घर पहुंच कर यह संदेश देने के लिए कहा है कि वह अपने पास के मंदिर में जाएं और अयोध्या के कार्यक्रम से जुड़ाव महसूस करें। आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और राम मंदिर ट्रस्ट ने कई साझा बैठकें कर चुका है। इस तरह की बैठकों का आयोजन काशी, अवध, ब्रज, मेरठ और उत्तराखंड प्रंत में किया गया था। कार्यक्रम के बाद अलग-अलग प्रान्तों के आरएसएस कार्यकर्ताओं को भी मंदिर के दर्शन करने का मौका दिया जाएगा। काशी क्षेत्र के लगभग 25,000 स्वयंसेवकों को 30 जनवरी को अयोध्या का दौरा करने के लिए तैयार किया गया है। Post navigation गांव दोखेरा में खनन का विरोध……माइनिंग कंपनी ने कार्य शुरू किया, अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीण हर घर में होता है यही जलसा ……. कौन बनेगा करोड़पति … बताये कोई ?