हिसार
aap party haryana, haryana bjp, haryana congress, haryana sarkar, INLD, jjp, अन्तरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी बजरंग पूनिया, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हनुमान वर्मा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल
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ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट महिला पहलवान का कुश्ती त्यागना महज राष्ट्रीय खबर नही राष्ट्रीय शर्म है : हनुमान वर्मा
भले ही हम किसी दल जाति धर्म से वास्ता रखते हो, लेकिन हमारी चुप्पी हमे सभ्य नही बनाती : हनुमान वर्मा
साक्षी मलिक व बजरंग पुनिया मामले पर राज्यसभा सभापति चुप क्यों : हनुमान वर्मा
हिसार – इससे दुख:द ओर क्या होगा। न्याय को लेकर सरकार की उदासीनता के चलते देश की पहलवान बेटी साक्षी मलिक ने कुश्ती त्यागने की बात कही और आज बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री आवास के सामने अपना पद्मश्री सम्मान रख दिया । ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट महिला पहलवान का कुश्ती त्यागना महज राष्ट्रीय खबर नही राष्ट्रीय शर्म है। ये बात कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हनुमान वर्मा ने प्रेस में जारी विज्ञप्ति में कहीं ।
वर्मा ने कहा कि देश का मान बढ़ाने वाले बेटियों और बेटों का ही सम्मान नहीं रखा गया तो उन्हें दिए गए सम्मान का फिर क्या मोल ? कल जो साक्षी मलिक के आंसू आए उस के साथ पुरा देश रोया था । उनका कुश्ती त्यागना महज इत्तेफाक ना समझे ये गूंगी बहरी सरकार । इस इस सरकार के कफ़न में कील साबित होगा ।
वर्मा ने कहा सरकार अब किस बात का इंतज़ार कर रही है। उन्हें ये चुप्पी बहुत भारी पड़ेगी । ज़िंदगी और घर को दांव पर लगाकर पहलवान तैयार किए जाते हैं। उन माताओं और पिताओं की आज क्या हालत होगी, जो सब कुछ न्योछावर कर खून-पसीने की मेहनत से अपने बच्चों को खिलाड़ी बनाते हैं।
वर्मा ने कहा कि क्या इन हुक्मरानों का दिल पत्थर का हो गया जो इनको ये सब दिख नहीं रहा । बजरंग पुनिया ने प्रधानमंत्री के आवास के सामने अपना पद्मश्री पुरस्कार रख दिया और प्रधानमंत्री के कान में जूं तक नहीं रेंगी । पुरे देश में दृष्य़ देखा है । क्या मन्त्री के मोह में सरकार इतनी अंधी हो गई कि उनको पहलवानों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही । हुकूमत में बैठे लोगों का शायद अब भी जमीर नहीं जागेगा, लेकिन ये हार खिलाड़ियों की नहीं पूरे देश की हार है।
वर्मा ने कहा कि अब साक्षी मलिक व बजरंग पुनिया मामले मे सभापति राज्यसभा चुप क्यों ?? बजरंग पुनिया जैसे विश्व स्तर के खिलाडियों ने अपना सम्मान लोटाते हुए अपने आप को जाट नहीं कहा । उन्होंने राष्ट्र धर्म निभाते हुए और राजनीति से ऊपर उठकर के जाति का नाम तक नहीं लिया । जबकि हमारे उपराष्ट्रपति जी ने बहुत मामूली सी बात पर अपने आप को जाट गए और खुद को एक जाटों ठेकेदार और प्रतीक घोषित करने की कोशिश की है । तो हम उनको कहना चाहेंगे कि एक व्यक्ति से समाज नहीं होता समाज से व्यक्ति की गरिमा से ऊपर जाने की कोशिश ना करें । हम आदरणीय धनखड़ जी से उम्मीद करते हैं कि वह bjp की कुंठित सोच व जातिवादी राजनीति साजिश का हिस्सा नाम बने ।