जनप्रतिनिधियों को भी संसद में लोगों की आवाज उठाने, सवाल पूछने पर बहुमत के बल पर व पीठासीन अधिकारियों के पदों का दुरूपयोग करके इस तरह संसद से निलम्बित किया जायेगा तो फिर देश में लोकतंत्र बचा ही कहां है? विद्रोही

20 दिसम्बर 2023  – संसद के शीतकालीन सत्र दौरान संसद सुरक्षा में चूक पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस-विपक्ष के 141 लोकसभा व राज्यसभा सांसदों को संसद के शेष सत्र से तानाशाहीपूर्ण ढंग से निलम्बित करने पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने देश की जनता को सावधान करते हुए कहा कि जब जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी संसद में लोगों की आवाज उठाने, सवाल पूछने पर बहुमत के बल पर व पीठासीन अधिकारियों के पदों का दुरूपयोग करके इस तरह संसद से निलम्बित किया जायेगा तो फिर देश में लोकतंत्र बचा ही कहां है?

विद्रोही ने कहा कि आज मोदी-भाजपा-संघी राज में सुनियोजित ढंग से लोकतंत्र को कुचलकर संघी फासीजम लादा जा रहा है जो देश के 140 करोड़ नागरिकों के लिए बडी चिंता का विषय है। जनता को विचारना चाहिए कि संसद सुरक्षा चूक पर सवाल पूछना व गृहमंत्री, प्रधानमंत्री को संसद में इस विषय पर बयान देने का आग्रह करना कैसे संसदीय मर्यादा हनन का मामला है। जब कांग्रेस-विपक्ष के सांसद देश के सामनेे उत्पन्न खतरे, समस्याओं के लिऐ प्रधानमंत्री व मंत्रीयों सेे संसद में सवाल नही पूछेंगे तो फिर कहां और किससेे पूछेंगे? जब संसद में चुने हुए सांसदों को सदन की मर्यादा हनन के नाम पर सवाल पूछने ही नही दिया जायेगा, जनता की आवाज नही उठाने दी जायेगी तो फिर चुनाव करवाने का औचित्य ही क्या है? 

विद्रोही ने कहा कि देश के 76 साल के प्रजातांत्रिक इतिहास में पहली बार सवाल पूछने, जनता की आवाज उठाने पर संसद से 141 सांसदों को निलम्बित किया गया है और आने वाले तीन दिनों में पता नही कितने और विपक्षी सांसदों को सत्ता अहंकार में संसद से और निलम्बित किया जायेगा। सांसदों का निलम्बन साधारण मामला न होकर बहुत ही गंभीर मामला है जो बताता है यदि जनता वोट की ताकत से मोदी-भाजपा को फिर ताकत दे देती है तब भारत में लोकतंत्र व संविधान नाममात्र के लिए दिखावटी रह जायेगा व संघी फासीजम देश पर अप्रत्यक्ष रूप से कायम हो जायेगा। विद्रोही ने आमजनों से अपील की कि देश के लोकतंत्र, संविधान, आइडिया आफ इंडिया को बचाने कांग्रेस व इंडिया अलांयस का साथ दे ताकि कड़े संघर्ष व आंदोलन के बाद आमजन को मिले लोकतांत्रिक अधिकारों व आइडिया आफ इंडिया पर जरा भी आंच न आये।   

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