एक ओर सरकार की तरफ से एम्स शिलान्यास की तारीख पर तारीख दी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर एम्स शिलान्यास हो, इसके पक्षधर भी चुनौती दे रहे है कि यदि फ्लां तारीख को एम्स का शिलान्यास नही हुआ तो बडा आंदोलन होगा : विद्रोही

माजरा एम्स तो अब बनना ही बनना है और कटु सत्य यह भी है कि आने वाले दस सालों से पहले जमीन पर न तो एम्स फंक्शनल होगा और न काम पूरा होगा : विद्रोही

रेवाड़ी, 18 दिसम्बर 2023  – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि माजरा एम्स शिलान्यास के नाम पर कोरी राजनीति हो रही है। एक ओर सरकार की तरफ से एम्स शिलान्यास की तारीख पर तारीख दी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर एम्स शिलान्यास हो, इसके पक्षधर भी चुनौती दे रहे है कि यदि फ्लां तारीख को एम्स का शिलान्यास नही हुआ तो बडा आंदोलन होगा। विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य यह है कि वे पिछले एक साल से लगातार कह रहे कि माजरा एम्स शिलान्यास लोकसभा चुनावों से ठीक पूर्व जरवरी-फरवरी 2024 में होगा। मेरी यह बात सत्य साबित होने वाली है। भाजपा सरकार ने पहले ही तय कर रखा है कि माजरा एम्स शिलान्यास लोकसभा चुनाव की घोषणा व आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले ही होगा ताकि चुनावों में अहीरवाल की जनता को भावनात्मक रूप से ठगकर गुरूग्राम, रोहतक व महेन्द्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से वोट बटोरी जा सके। भाजपा सरकार ने बेशक एम्स बनाने की घोषणा जुलाई 2015 में की थी, लेकिन एम्स को विधिवत रूप से केन्द्रीय केबिनेट ने लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले फरवरी 2019 में ही स्वीकृति प्रदान की थी।  

विद्रोही ने कहा कि फरवरी 2019 में मनेठी एम्स की स्वीकृति के बाद भी विगत 5 साल से एम्स के नाम पर एक ईंट भी नही लगी, लेकिन लोकसभा व विधानसभा चुनाव 2019 में एम्स के नाम पर अहीरवाल की वोट भाजपा ने अवश्य हडप ली। अब फरवरी 2019 की तर्ज पर ही एकबार फिर जनवरी-फरवरी 2024 में पांच वर्ष बाद माजरा एम्स शिलान्यास की नौटंकी करके फिर से अहीरवाल की वोट हडपने का षडयंत्र रचा जा रहा है। इस तथ्य को अहीरवाल की जनता को समझाने की बजाय सभी पक्ष अपनी-अपनी राजनीति कर एम्स निर्माण का श्रेय लेने की होड़ में जुटे रहे और जनता को सत्य बताने की बजाय अपनी-अपनी राजनीतिक व सामाजिक लाभ के लिए वही राग अलापते रहे जिससे उनको लाभ हो।

विद्रोहीे ने अहीरवाल की जनता से आग्रह किया कि भावनात्मक रूप से गुमराह होने की बजाय लोकसभा व विधानसभा चुनाव 2024 में एम्स के नाम पर भाजपा को फिर से एकमुश्त वोट देकर अपने पैरों पर कुल्हाडी न मारे। माजरा एम्स तो अब बनना ही बनना है और कटु सत्य यह भी है कि आने वाले दस सालों से पहले जमीन पर न तो एम्स फंक्शनल होगा और न काम पूरा होगा। अहीरवाल को एम्स पर श्रेय लेने व वोट हडपने की होड को ईमानदारी, गंभीरता से समझना होगा और किसी भी तरह अपना भावनात्मक शोषण नही होने देना चाहिए। 

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