– संसद से विपक्षी सदस्यों का निलंबन जाहिर कर रहा केंद्र सरकार की मंशा

– पास बनवाने वाला विपक्षी सांसद होता तो अब तक सदस्यता खा चुके होते

चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार देश से लोकतंत्र का खत्म करना चाहती है। तानाशाही के बल पर विपक्ष को डराने-धमकाने की साजिश रची जा रही हैं। संसद से विपक्षी सांसदों का इतनी भारी संख्या में निलंबन तमाम षड़यंत्र का खुलासा करने के लिए काफी है। प्रधानमंत्री व गृह मंत्री का संसद की सुरक्षा को लेकर सदन के भीतर न बोलना देश का अपमान है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों के पास भाजपा सांसद की सिफारिश पर जारी हुए थे। इसके बावजूद अभी तक उक्त सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यही पास किसी विपक्षी सांसद के यहां से जारी होते तो अभी तक भाजपा और केंद्र सरकार उसका जीना दुर्भर कर चुके होते। उसकी सदस्यता तक खा चुके होते। उसके खिलाफ न जाने कितनी ही धाराओं में केस भी दर्ज कर चुके होते। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्षी सांसद सुरक्षा में चूक पर सदन में प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का बयान चाहते हैं। इस सेंध को लेकर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सदन में आने की बजाए देश में दौरे कर रहे हैं। बाहर बयानबाजी कर रहे हैं और आवाज उठाने वाले सांसदों का निलंबन करवा रहे हैं, ताकि वे इस मसले पर कुछ न बोलें और भाजपा के सामने घुटने टेक दें।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सांसद विपक्ष में वाद-विवाद करने के लिए ही पहुंचते हैं। सरकार कोई गलत काम करे तो विपक्ष उसके खिलाफ आवाज उठाता है, उसकी आलोचना करता है। इतने सारे सदस्यों को एकदम से सदन से निकालकर भाजपा और केंद्र सरकार चाहती है कि विपक्ष की आवाज को खामोश कर दिया जाए। लेकिन, विपक्ष पूरी तरह एकजुट है और पूरी शक्ति के साथ लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई को जारी रखेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनता को समझना चाहिए कि आज जो सांसदों के साथ हो रहा है, वह कल उनके साथ भी हो सकता है। जिस प्रकार आज विपक्षी सांसदों के अधिकारों का हनन हो रहा है, कल आपके अधिकार भी छीने जा सकते हैं। तानाशाही वाले देश सिर्फ एक इंसान के हिसाब से चलते हैं और यही रवैया भाजपा और केंद्र अपना रहे हैं। ऐसे में लोकतंत्र को बचाने में विपक्षी सांसदों की आवाज लगातार बुलंद रहेगी और अपनी कोशिशों में इन्हें कामयाब नहीं होने देगी।

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